Tuesday, June 24News That Matters

जोशीमठ मामले में सुप्रीम कोर्ट का दखल देने से इंकार, उत्तराखंड हाई कोर्ट का रुख करने को कहा सीजेआई ने याचिकाकर्ता से कहा कि जब हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है तो आप वहां जाकर अपनी बात क्यों नहीं रखते..

जोशीमठ मामले में सुप्रीम कोर्ट का दखल देने से इंकार, उत्तराखंड हाई कोर्ट का रुख करने को कहा



सीजेआई ने याचिकाकर्ता से कहा कि जब हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है तो आप वहां जाकर अपनी बात क्यों नहीं रखते..

 

 

 

 

जोशीमठ मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से साफ इंकार कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने इस मामले में उत्तराखंड हाई कोर्ट का रुख करने को कहा. इस मामले पर CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस जे बी पारदीवाला की बेंच सुनवाई की. इस मामले में ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. कोर्ट ने कहा कि मामले की हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है. ऐसे में पहले सिद्धांत में हाईकोर्ट को सुनवाई करने देनी चाहिए.

सीजेआई ने याचिकाकर्ता से कहा कि जब हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है तो आप वहां जाकर अपनी बात क्यों नहीं रखते. याचिका में प्रभावित लोगों के पुनर्वास के साथ उनको आर्थिक मदद मुहैया कराने का भी आदेश देने का आग्रह कोर्ट से किया गया है. याचिका में जोशीमठ क्षेत्र की जनता के जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भूस्खलन, भू-धंसाव, भूमि फटने जैसी घटनाओं से निपटने के लिए उसे राष्ट्रीय आपदा की श्रेणी में घोषित कर त्वरित और कारगर कदम उठाने का आदेश केंद्र और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को देने की गुहार लगाई गई है…

 

 

सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है कि तपोवन विष्णुगढ़ हाइड्रो इलेक्ट्रिक , परियोजना की टनल के निर्माण कार्य को तत्काल बंद करे. तब तक इसे बंद रखा जाए.  जब तक कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित भूवैज्ञानिकों, जल विज्ञानियों एवं इंजीनियरों की उच्च स्तरीय समिति का गठन हो और वो उत्तराखंड राज्य में किसी भी प्रकार के विकास और निर्माण कार्य के लिए गाइडलाइन तैयार ना कर ले. याचिका में कहा गया है कि एनटीपीसी और सीमा सड़क संगठन को भी राहत कार्यों में मदद करने का आदेश दिया जाए.

यह भी पढ़ें -  रोज़गार गारंटी परिषद की बैठक में ग्राम्य विकास मंत्री ने दिए तेज़ी से रिक्त पदों की नियुक्ति और योजनाओं की गुणवत्ता पूर्ण क्रियान्वयन के निर्देश

याचिका में केंद्र सरकार, एनडीएमए, उत्तराखंड सरकार, एनटीपीसी, बीआरओ और जोशीमठ के जिले चमोली के जिलाधिकारी को पक्षकार बनाया गया है.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *