कांग्रेस की सरकार बनी तो कौन होगा मुख्यमंत्री पूर्व सीएम हरीश रावत ने उठाया पर्दा,कहा सोनिया गांधी लेंगी फैसला

पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार बनने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ही सीएम का चयन करेंगी। साथ ही अब प्रदेश अब दलबदल करने की हिम्मत कोई नहीं करेगा। वर्ष 2016 में हुआ दलबदल उत्तराखंड में आखिरी दलबदल था।
प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर सीएम को लेकर पिछले दिए अपने बयान पर रावत ने रविवार को एक बार फिर सफाई दी।

रावत ने कहा था कि कांग्रेस की सरकार बनने पर या तो वो सीएम बनेंगे या फिर घर बैठेंगे। मीडिया के सवाल के जवाब में रावत ने कहा कि जब तक सोनिया जी का निर्णय नहीं आ जाता, तब तक सीएम को लेकर कयास लगते ही रहेंगे। लेकिन अटल सत्य यही है कि निर्णय सोनिया ही करेंगी।

 

वर्ष 2016 का दलबदल उत्तराखंड का अंतिम दलबदल
रावत ने कहा कि उत्तराखंड में दलबदल की अब कोई संभावना-आशंका नजर नहीं आती। दरअसल, वर्ष 2016 में जो लोग कांग्रेस छोड़कर गए थे, वो ही भाजपा में कहां खुश रहे? इस चुनाव में जिस प्रकार भाजपा की दुर्गति हुई है, उसे देखते हुए कोई दलदबल के बारे में सोचेगा भी नहीं। इसलिए मेरा मानना है कि वर्ष 2016 को दलबदल उत्तराखंड में हुआ अंतिम दलबदल था।

भाजपा को भी मिलें थोड़ी ज्यादा सीटें
रावत ने कहा कि कांग्रेस तो 48 सीट जीतकर सरकार बनाने जा रही है। लेकिन मैं चाहूंगा कि भाजपा को भी कुछ सम्मानजक सीटें मिल ही जाएं। स्वस्थ लोकतंत्र के लिए विपक्ष का भी कुछ मजबूत होना जरूरी है।

सभी दलों का साथ लेकर चलेंगे
रावत ने कहा कि वैंसे तो कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है, लेकिन कोशिश होगी कि बसपा, यूकेड़ी समेत अन्य दलों को भी साथ लेकर चले। प्रदेश के हित से जुड़े मुद्दों पर सभी दलों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एकराय होना भी जरूरी है।

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कांग्रेस की त्रिमूर्ति ने दिया एकता का संदेश
नींबू सन्नी पार्टी के जरिए कांग्रेस ने रविवार पूर्व सीएम हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल एकजुटता का संदेश देने में कामयाब रहे। रावत-गोदियाल और प्रीतम के दों धुव्रों में बटी कांग्रेस आज एकजुट दिखी। तीनों नेता जहां पूरी गर्मजोशी के साथ मिले, वहीं काफी समय भी उन्होंने हंसते मुस्कुराते हुए ही बिताया। काफी देर से कार्यकर्ताओं के साथ फोटो खिंचवा रहे रावत और प्रीतम शाम को अप्रत्याशित रूप से गोदियाल को आया देख खुशी से गदगद हो गए। श्रीनगर में होने की वजह से गोदियाल का आना मुश्किल माना जा रहा था।



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