कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि भाजपा ने उत्तराखंड के स्वाभिमान और अभियान को गहरी चोट पहुंचाई है। झूठ गढ़ने में माहिर भाजपा विकास के मोर्चे पर खुद को फेल पा रही है तो तुष्टिकरण की राजनीति करना शुरू कर दिया है। रावत ने खुद को राज्य निर्माण विरोधी होने और हिल कौंसिल का समर्थक होने के आरोप को भी खारिज किया। रावत ने कहा कि मुझ पर आरोप लगाने वालों को इतिहास को ईमानदारी से पढ़ना चाहिए।
जब कांग्रेस को लगा कि राज्य बनना चाहिए तो कांग्रेस ने पूरी ताकत के साथ इसके लिए काम किया। कलकत्ता अधिवेशन में छोटे राज्यों के गठन के प्रस्ताव पर मुहर लगने से पृथक राज्य की राह मजबूत हुई। संसद में तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेई ने भी कांग्रेस के प्रयास को सराहा था। रावत ने कहा कि डबल इंजन नहीं भाजपा का रद्दी इंजन है । कुंभ जांच घोटाले से प्रदेश की छवि धूमिल हुई। कोरोना से उत्तराखंड में कई मौतें हुईं।
सीएम तय करना हाईकमान का काम
कांग्रेस नेतृत्व द्वारा पंजाब में सीएम का चेहरा घोषित करने और उत्तराखंड में खामोशी पर रावत ने कहा कि हर राज्य की परिस्थितियां अलग अलग होती हैं। हम यहां से अपनी भावना को पार्टी लीडरशिप पर नहीं थोपेंगे। पार्टी को जो बेहतर लगेगा, वहीं सबको स्वीकार्य होगा। रावत ने गीता से उदाहरण देते हुए कहा कि मेरा काम कर्म करना है। फल देना मेरे प्रारब्ध और हाईकमान पर निर्भर है।