Saturday, February 15News That Matters

त्रिवेंद्र मतलब विकास : मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हजारों बेरोजगार हाथों को सम्मानजनक तरीके से आजीविका प्रदान करने का बड़ा माध्यम बन रही हैै ( आगे बढ़ता उत्तराखंड )

खाली हाथों को रोजगार दे रही मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनाtrivendra singh rawat

कोरोना काल में उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हजारों बेरोजगार हाथों को सम्मानजनक तरीके से आजीविका प्रदान करने का बड़ा माध्यम बन रही हैै। योजना के तहत अब तक हजारों लोग सरकार की मदद से अपना स्वरोजगार प्रारंभ कर चुके हैं।
कोविड-19 ने इस साल देश-दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं पर ब्रेक लगा दिया था। ऐसे में लाखों लोग बेरोजगार हो गए। उत्तराखंड के लोग भी इस संकट से अछूते नहीं रहे। महानगरों में रहकर अपना जीवन-यापन कर रहे लोगों के जब रोजगार छिने तो वे वापस अपनी मातृभूमि की ओर लौटे। ऐसे में अपनी आवाम के प्रति चिंतित त्रिवेंद्र सरकार एक मसीहा की तरह आगे आई। उत्तराखंड में ही रहकर लोगों को रोजगार मिल सके इस दिशा में राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारंभ की गई। इसमें विभिन्न विभागों की स्वरोजगार योजनाओं को एक प्लेटफार्म पर लाकर युवाओं को अपनी पसंद, दक्षता और उपयोगिता के अनुसार स्वरोजगार प्रारंभ करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 55 से अधिक कार्य क्षेत्रों में सरकार की वित्तीय मदद से लोग अपना स्वरोजगार प्रारंभ कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों द्वारा परियोजना लागत का दस प्रतिशत खुद के अंशदान के रूप में बैंक में जमा करना होता है जबकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक भूतपूर्व सैनिक, महिला और दिव्यांगजन श्रेणी के लाभार्थियों को कुल परियोजना लागत का पांच प्रतिषत अंशदान बैंक में जमा करना होगा।
अब तक इस योजना के तहत 7029 लोगों के लोन प्रस्ताव को कमेटी द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है। अल्मोड़ा से 474, बागेश्वर से 369, चंपावत से 424, चमोली से 395, देहरादून से 482, हरिद्वार से 466, नैनीताल से 570, पौड़ी से 665, पिथौरागढ़ से 501, रूद्रप्रयाग से 330, टिहरी से 610, उधमसिंहनगर से 525 तो उत्तरकाशी से 1218 लोगों के प्रस्तावों को कमेटी अनुमोदित कर चुकी है। कुल 1134 लोगों को अब तक इस योजना में ऋण वितरित किया जा चुका है।

यह भी पढ़ें -  ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से पहले अभी तक लगभग 40 हजार करोड रुपए के एमओयू किए गए... ( लक्ष्य की ओर बढ़ते धामी )

योजना में लोन एवं अनुदान का प्रावधान

योजना के तहत नेशनलाइज्ड बैंक चयनित लोगों को मैन्युफेक्चरिंग, सर्विस सेक्टर के साथ ही दूसरी व्यावसायिक गतिविधियां प्रारंभ करने के लिए वित्तीय सहायता दे रहे हैं। इसके लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा मार्जिन मनी की धनराषि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी। विनिर्माण क्षेत्र के लिए अधिकतम परियोजना की अधिकतम लागत 25 लाख रूपए तय है तो सेवा और व्यवसाय क्षेत्र के लिए अधिकतम दस लाख तक की गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *