
कैग ने कहा कि वर्ष 2017-18 से 2020-21 के दौरान किए गए अवैध खनन के लिए जिलाधिकारी सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं उठा सवाल किसका था सर पर हाथ
कैग ने कहा कि वर्ष 2017-18 से 2020-21 के दौरान किए गए अवैध खनन के लिए जिलाधिकारी सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं उठा सवाल किसका था सर पर हाथ
उत्तराखंड के कुछ राजनेताओं का काम हो गया है, दूसरे पर कीचड़ उछालना, और तमाशा देखना लेकिन इस बार कुछ उल्टा हो गया है ... यहा
सभी को अपना गिरेबान साफ नजर आता है और दूसरे का मैला। अब पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ही ले लीजिए। अपने गिरेबान पर झांकने की जगह इन दिनों वह अपनी की पार्टी की सरकार पर हमलावर हैं। वह भी अवैध खनन को लेकर। हालांकि, इतिहास में कुछ वर्ष ही पीछे जाकर उनकी सरकार के पन्ने पलटे जाएं तो खुद उनकी सरकार पर अवैध खनन के गंभीर आरोप लगे हैं। यह आरोप भी किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति ने नहीं लगाए हैं, बल्कि भारत सरकार की खांटी एजेंसी कैग ने अपनी रिपोर्ट में इसका जिक्र किया है। इस समय पुराने पन्ने इसलिए भी टटो...