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विस चुनाव में EVM को लेकर सभी याचिकाएं खारिज, भगत बोले- कांग्रेस की समय खराब करने की फितरत

नैनीताल: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में ईवीएम की गड़बड़ी को लेकर दायर याचिकाओं को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया। याचिका में लगाये गये इन आरोपों की पुष्टि के लिए सबूत पेश न करने पर कोर्ट ने पांचों याचिकाएं निरस्त कर दीं। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने बीती 14 अक्तूबर को निर्णय सुरक्षित रख लिया था। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ में हुई।

मामले के अनुसार, साल 2017 में उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनाव के हारे कांग्रेस प्रत्याशी नवप्रभात, विक्रम सिंह, राजकुमार, अंबरीष कुमार और गोदावरी थापली ने याचिका दायर कर विजयी भाजपा प्रत्याशी क्रमश: विजय सिंह, मुन्ना सिंह चौहान, खजानदास, आदेश कुमार चौहान और गणेश जोशी के निर्वाचन को चुनौती दी थी।

हाईकोर्ट में दाखिल याचिका के माध्यम से निर्वाचन आयोग और सरकार पर आरोप लगाया था कि, संबंधित प्रत्यशियों ने जीत के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में गड़बड़ी की है। लिहाजा उक्त सभी के निर्वाचन निरस्त किए जाएं। दूसरी ओर, इस मामले में विजयी प्रत्याशियों की ओर से कहा गया कि संबंधित याचिकाएं आधारहीन हैं। ईवीएम में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है। यहां तक कि अब तक याचिकाकर्ताओं की ओर से ईवीएम में गड़बड़ी होने का कोई सबूत पेश नहीं किया गया है। ऐसे में हाईकोर्ट ने पांचों याचिकाओं को आरोपों की पुष्टि के लिए सबूत पेश नहीं किए जाने पर सीपीसी के नियम संख्या 7/11 के तहत निरस्त कर दिया।

वहीँ इस पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि, कांग्रेस की हमेशा भ्रामक तथ्यों के जरिये अदालत और जनता का समय खराब करने की फितरत रही है। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि, न्यायालय ने दूध का दूध और पानी का पानी साबित कर कांग्रेस के मुंह पर करारा तमाचा मारा है। भगत ने कहा कि भाजपा को जनता का आशीर्वाद हमेशा मिला है और विपक्ष इसे पचा नही पाता है। देश भर में चुनाव हारने के बाद ईवीएम पर संदेह का शोर मचाने वाली कांग्रेस को सार्वजनिक रूप से जनता को गुमराह करने व अदालत के बेवजह समय खराब करने के लिए माफी मांगनी चाहिए।

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