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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया ऐलान खटीमा विधानसभा क्षेत्र से ही लड़ेंगे वह चुनाव

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया ऐलान खटीमा विधानसभा क्षेत्र से ही लड़ेंगे वह चुनाव

 

इस विधानसभा क्षेत्र में होगी सीएम पुष्कर सिंह धामी की असली चुनावी परीक्षा

इस वीआईपी सीट की है ये महत्वपूर्ण बातें
उत्तराखण्ड का मुख्यमंत्री बनने के छह महीने बाद ही पुष्कर सिंह धामी के सामने विधानसभा चुनाव की बड़ी परीक्षा है। वह खुद ही भाजपा का सीएम पद का चेहरा हैं। ऐसे में उनके कंधे पर पूरे सूबे में भाजपा को चुनाव जिताने की भी जिम्मेदारी है। उनके सीएम बनने के बाद उनका खटीमा विधानसभा क्षेत्र वीआईपी सीट में शामिल हो चुका है
*अब इस सीट पर जीत ही नहीं बल्कि लोग अब उनसे बड़ी जीत की उम्मीद लगाए हैं*
सबसे खास बात ये है कि खटीमा विधानसभा क्षेत्र में जिले में सबसे कम वोटर हैं और यहां से खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी भाजपा के प्रत्याशी बनने के बाद यहां सबसे बड़ी चुनावी लड़ाई देखी जानी है
मुख्यमंत्री से यहां उनके प्रतिद्वंद्वी के रूप में कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष भुवन कापड़ी का मैदान में उतरना लगभग तय है
वही इस सीट आम आदमी पार्टी पूर्व अध्यक्ष एसएस कलेर को चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान कर चुके हैं
उत्तराखंड राजनीति के बड़े चेहरे होने के बाद यह सीट जिले में नहीं बल्कि प्रदेश की सबसे वीआईपी बन गई है

 

*जिले में नौ विधानसभा क्षेत्र*

ऊधमसिंह नगर जिले में नौ विधानसभा सीटें हैं। वर्तमान में इस नौ में से सात विधानसभा क्षेत्रों से भाजपा के विधायक हैं। इस *सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार तीसरी बार जिले की खटीमा विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा कर चुके हैं*
*साल 2012 और 2017 में यहां से पुष्कर सिंह धामी ने जीत भी हासिल की थी*

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वहीं वोटरों के लिहाज से देखा जाए तो जिले में सबसे कम वोटर वाले विस क्षेत्र के होने से चलते यहां मुकाबला हमेशा नजदीकी रहा है। ऐसे में यहां हर एक वोट के लिए संघर्ष होता दिखा है। खटीमा विस क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 1,19,980 है

खटीमा से दावेदार

पुष्कर सिंह धामी भाजपा

भाजपा  
भुवन कापड़ी कांग्रेस   से

एसएस कलेर, आप
या फिर
रमेश राणा, आप

*वही खटीमा विस क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे*

खटीमा में जाम सबसे बड़ा समस्या है। खटीमा में बाईपास की जरूरत

हर बरसात होने वाल जलभराव, ड्रेनेज सिस्टम के लिए ठोस एक्शन प्लान

गोठ और खत्ते में 70 साल से रह रहे लोगों को भूमिधरी अधिकार दिलाने का मुद्दा

 

जनजाति के लोगों को वनों से हक-हकूक के अधिकार नहीं, 1991 तक मिलते थे

 

थारू और गैर थारू की भूमि समस्या, सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे से खींच रहे हाथ

 

खटीमा से 2017 मुख्यमंत्री /विधायक पुष्कर सिंह धामी लड़े थे। उन्हें कुल 29,539 वोट मिले थे।
उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार भुवन कापड़ी को 2,709 वोटों से हराया था।
कांग्रेस के भुवन कापड़ी ने खटीमा से चुनाव लड़ा था। उन्हें 26,830 वोट मिले थे। वह दूसरे नंबर पर रहे थे। हार का अंतर काफी कम रहा था।
बसपा के रमेश राणा ने 2017 में चुनाव लड़ा था।
उन्हें 17,804 वोट मिले थे।
वह तीसरे नंबर पर थे। इस बार रमेश राणा आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं।

*ग्रामीण क्षेत्र के वोट हैं निर्णायक*

खटीमा विस क्षेत्र में शहरी मतदाताओं की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं की संख्या अधिक है। ऐसे में यहां ग्रामीण क्षेत्र के मतदाता निर्णायक हैं। पिछले चुनाव में यहां शहरी मतदाताओं की संख्या 17,500 और ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 97,400 थी। खटीमा में थारु वोट निर्णायक हैं। इसकी संख्या लगभग 24 हजार है।

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