Tuesday, December 2News That Matters

प्रवासी उत्तराखंडियों का उमड़ा संगम: “प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन” में विकास और निवेश के अवसरों पर जोर  

प्रवासी उत्तराखंडियों का उमड़ा संगम: “प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन” में विकास और निवेश के अवसरों पर जोर

 

* मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून के दून विश्वविद्यालय में आयोजित “प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन” में सभी प्रवासी उत्तराखंडियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस विशेष सम्मेलन का उद्देश्य प्रवासी उत्तराखंडियों को राज्य के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित करना और उनके साथ संवाद स्थापित करना था। सम्मेलन के दौरान दो प्रमुख सत्रों का आयोजन हुआ, जिनमें राज्य की अर्थव्यवस्था, पर्यटन, निवेश के अवसर और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।

*प्रथम सत्र: उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था और पर्यटन में निवेश की संभावनाएँ*

प्रथम सत्र में उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में पर्यटन क्षेत्र के योगदान और विभिन्न निवेश के अवसरों पर विचार-विमर्श हुआ। इस सत्र की कोऑर्डिनेटर सुश्री पूजा गर्याल, अपर सचिव, पर्यटन, उत्तराखंड थीं, और इसका संचालन श्री प्रतीक जैन, महानिदेशक एवं आयुक्त उद्योग द्वारा किया गया। सत्र के पैनलिस्टों ने विभिन्न उद्योगों में संभावित निवेश और रोजगार के अवसरों पर अपने अनुभव साझा किए।

*सत्र के पैनलिस्टों में शामिल रहे:*

श्री एस.आर. नौटियाल, एमडी, स्पार्क टेक्नोलॉजीस, जिन्होंने तकनीकी क्षेत्र में निवेश के बारे में चर्चा की।

श्री गोर्की चंदोला, होम स्टे के संस्थापक, जिन्होंने होमस्टे के माध्यम से स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर प्रकाश डाला।

श्री संजय शर्मा, इको ग्लैम्पिंग रिसॉर्ट काणाताल के संस्थापक, जिन्होंने इको-टूरिज्म की संभावनाओं को प्रस्तुत किया।

कर्नल अश्विनी पुंडीर, एडिशनल सीईओ (एडवेंचर) यूटीडीबी, जिन्होंने साहसिक पर्यटन के विस्तार पर विचार व्यक्त किए।

श्री रजत जैन, सनफॉक्स टेक्नोलॉजीस के संस्थापक, जिन्होंने पर्यावरण-अनुकूल तकनीकी समाधानों की संभावनाएँ उजागर कीं।

यह भी पढ़ें -  महानवमी के सुअवसर पर राधाकृष्ण मंदिर में मां सिद्धिदात्री की आराधना कर 151 कन्याओं का पूजन करते कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी

*द्वितीय सत्र: कृषि, बागवानी और ग्रामीण विकास में नवाचार की संभावनाएँ*

दूसरे सत्र में उत्तराखंड में कृषि, बागवानी और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में प्रगति पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस सत्र की कोऑर्डिनेटर सुश्री राधिका झा, सचिव, उत्तराखंड थीं, और इसका संचालन श्री विनय कुमार, प्रबंधक निदेशक, यू.ओ.सी.बी. द्वारा किया गया। पैनल में विशिष्ट विशेषज्ञों और उद्यमियों ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की।

*पैनलिस्टों में सम्मिलित रहे:*

श्री नवीन पटवाल, मशरूम विशेषज्ञ और उद्यमी, जिन्होंने मशरूम खेती के बढ़ते अवसरों पर बात की।

श्री प्रेम चंद शर्मा, पद्मश्री पुरस्कार विजेता, जिन्होंने कृषि क्षेत्र में किए गए नवाचारों पर अपने अनुभव साझा किए।

श्री रॉबिन नागर, संस्थापक एवं सीईओ, वैलीकल्चर इंडिया, जिन्होंने जैविक खेती के क्षेत्र में कार्य को बढ़ावा देने के सुझाव दिए।

सुश्री शालिनी चौहान, हिमालयन हर्बेरिया की सीईओ, जिन्होंने औषधीय पौधों की खेती में संभावनाओं को सामने रखा।

डॉ. नृपेन्द्र चौहान, निदेशक, सगन्ध पादप केंद्र, जिन्होंने सगंध पौधों की खेती और प्रसंस्करण के बढ़ते अवसरों को रेखांकित किया।

*मुख्यमंत्री का संदेश: उत्तराखंड के विकास में प्रवासियों की भूमिका है अहम*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में प्रवासी उत्तराखंडियों के राज्य के विकास में योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के प्रवासियों के पास न केवल अनुभव और संसाधन हैं बल्कि अपनी मातृभूमि के प्रति अटूट प्रेम भी है। यह सम्मेलन प्रवासी उत्तराखंडियों को राज्य के विकास में सहभागी बनने के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

सम्मेलन के अंत में प्रवासी उत्तराखंडियों ने राज्य में निवेश और रोजगार के लिए संभावनाओं की खोज और उत्तराखंड के विकास में अपनी भूमिका निभाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। यह सम्मेलन उत्तराखंड की स्थिर और सतत आर्थिक प्रगति के लिए नए मार्ग खोलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

यह भी पढ़ें -  जब तक हम आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड नहीं बना लेते, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे:धामी  


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *