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शहीद मेले में रीप परियोजना, बाल विकास, वन विभाग, कृषि विभाग, उद्यान, सहकारिता, समाज कल्याण, डेयरी विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा लगाए स्टॉल लगाकर लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया।  

 


शहीद मेले में रीप परियोजना, बाल विकास, वन विभाग, कृषि विभाग, उद्यान, सहकारिता, समाज कल्याण, डेयरी विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा लगाए स्टॉल लगाकर लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया।

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को पौड़ी के दुगड्डा पार्क में तीन दिवसीय शहीद मेले का शुभारंभ किया। कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री ने दुगड्डा में अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद, स्व. बलदेव सिंह आर्य और स्व. भवानी सिंह रावत की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के विकास के लिए कई घोषणाएं की गई। *जिसमें नगरपालिका दुगड्डा के क्षेत्रान्तर्गत एक आधुनिक बहुउद्देशीय भवन का निर्माण। नगर पालिका के लिए एक आधिकारिक वाहन की व्यवस्था। भवानी सिंह रावत शहीद स्मृति स्थल का संरक्षण, सौंदर्यीकरण एवं पुनर्निर्माण नगर पालिका द्वारा किया जाएगा। नगर पालिका परिषद् दुगड्‌डा क्षेत्रान्तर्गत निराश्रितों के लिए एक स्थायी रैन बसेरा का निर्माण किए जाएगा। दुगड्डा नगर में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का विकास एवं इसका नाम स्व. श्री मोहनलाल बौंठियाल के नाम पर रखा जाएगा। दुगड्‌डा ब्लॉक में एक मिनी स्टेडियम की स्थापना की जाएगी। फतेहपुर में सिलगाड नदी पर पुल का निर्माण कराया जाएगा। मटियाली में सिद्धबाबा मंदिर का सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्य कराए जाने की घोषणाएं की।*

मुख्यमंत्री ने अमर शहीदों के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका साहस और बलिदान हमें देश की सेवा में समर्पण और कर्तव्य का मार्गदर्शन देता है। इस प्रकार के आयोजन हमारे इतिहास और संस्कृति के प्रति युवाओं को जागरूक करते हैं, जिनसे हमें शहीदों के आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा मिलती है।

यह भी पढ़ें -  धामी सरकार मोदी के मार्गदर्शन में सैनिकों और उनके परिवार को मिलने वाली सुविधाओं में वृद्धि करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध: धामी सरकार ने उत्तराखण्ड के वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को देय एकमुश्त अनुदान राशि में भी वृद्धि की है धामी सरकार ने उत्तराखण्ड से द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों की वीरांगनाओं एवं वेटरन की पेंशन बढ़ाकर 10 हजार रूपये की धामी जी ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनकी विधवाओं की प्रतिमाह पेंशन बढ़ाकर 25 हजार की धामी ने विजय दिवस पर शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी मुख्यमंत्री ने विजय दिवस पर भूतपूर्व सैनिकों, वीरांगनाओं को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह् देकर सम्मानित किया मुख्यमंत्री ने कि घोषणा : सैनिक आश्रितों को भर्ती पूर्व दिये जाने वाले प्रशिक्षण के दौरान भोजन व्यवस्था के लिए प्रतिदिन दी जाने वाली धनराशि बढ़ाकर 225 रूपये विजय दिवस: आज का दिन भारतीय सेना के वीर जवानों के अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम का उत्सव मनाने का दिन : धामी विजय दिवस: 1971 का युद्ध अमानवीयता पर मानवता, दुराचार पर सदाचार और अन्याय पर न्याय की जीत का युद्ध था:धामी उत्तराखंड की भूमि, देवभूमि होने के साथ-साथ पराक्रम और बलिदान की भूमि भी है:धामी 1971 के भारत-पाक युद्ध में वीरभूमि उत्तराखंड के 255 जवानों ने भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया था: धामी प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन के अनुरूप देहरादून में पांचवे धाम सैन्य धाम का निर्माण कार्य प्रगति पर : धामी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जवानों का मनोबल तेजी से बढ़ा है: धामी सैन्य परिवारों के लिए विशेष योजनाएं बने, जिससे एक सैनिक को युद्ध में लड़ते समय अपने परिवार की चिंता न हो: धामी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को गांधी पार्क, देहरादून में विजय दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। विजय दिवस पर मुख्यमंत्री ने भूतपूर्व सैनिकों, वीरांगनाओं को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह् देकर सम्मानित किया। विजय दिवस के अवसर पर आयोजित निबंध एवं कला प्रतियोगिता में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को भी मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि सैनिक आश्रितों को भर्ती पूर्व दिये जाने वाले प्रशिक्षण के दौरान भोजन व्यवस्था के लिए प्रतिदिन दी जाने वाली धनराशि 80 रूपये से बढ़ाकर 225 रूपये प्रति प्रशिक्षणार्थी की जायेगी राज्य के गढ़वाल और कुमांऊ मण्डल में सैनिक आश्रित युवाओं को सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा 56 दिनों का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन भारतीय सेना के वीर जवानों के अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम का उत्सव मनाने का दिन है। 1971 का युद्ध अमानवीयता पर मानवता, दुराचार पर सदाचार और अन्याय पर न्याय की जीत का युद्ध था। आज ही के दिन वर्ष 1971 में पाकिस्तान के 93,000 से अधिक सैनिकों ने हमारे वीर बहादुर सैनिकों के समक्ष घुटने टेके थे। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, किसी भी सेना का यह सबसे बड़ा आत्मसमर्पण था। यह युद्ध भारत के वीरों के अटल संकल्प और बलिदान का प्रत्यक्ष उदाहरण था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की भूमि, देवभूमि होने के साथ-साथ पराक्रम और बलिदान की भूमि भी है। 1971 के भारत-पाक युद्ध में वीरभूमि उत्तराखंड के 255 जवानों ने भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया था। इस युद्ध में अपने अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय देने वाले प्रदेश के 74 सैनिक विभिन्न वीरता पदकों से सम्मानित हुए थे। ऐसे सभी वीरों के बलिदान की अमर गाथाएं आज भी हमारे युवाओं को प्रेरणा देने का काम करती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन के अनुरूप देहरादून में पांचवे धाम सैन्य धाम का निर्माण कार्य प्रगति पर है। यह धाम उन सभी वीरों को हमारी ओर से एक विनम्र श्रद्धांजलि होगी जिन्होंने अपने प्राणों की परवाह किये बिना तिरंगे की शान के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। यह सैन्य धाम आने वाली पीढ़ियों के लिए राष्ट्र आराधना के एक दिव्य प्रेरणा पुंज के रूप में कार्य करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जवानों का मनोबल तेजी से बढ़ा है। आज हमारे सैनिक अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं, उनकी सहायता और सुरक्षा के लिए विश्व स्तरीय उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। आज हमारे सैनिकों का मनोबल इतना ऊंचा है कि वो दुश्मन के घर में घुस कर उस पर कार्रवाई करने में समर्थ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्य सेवक के रूप में उनका प्रयास रहता है कि सैन्य परिवारों के लिए विशेष योजनाएं बने, जिससे एक सैनिक को युद्ध में लड़ते समय अपने परिवार की चिंता न हो। राज्य सरकार प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में सैनिकों और उनके परिवार को मिलने वाली सुविधाओं में वृद्धि करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड के वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को देय एकमुश्त अनुदान राशि में भी वृद्धि की है। जिसके तहत परमवीर चक्र से सम्मानित सैनिक को 30 लाख से 50 लाख, महावीर चक्र 20 लाख से 35 लाख, कीर्ति चक्र 20 लाख से 35 लाख, वीर चक्र और शौर्य चक्र 15 से 25 लाख और सेना गेलेन्ट्री मेडल 07 लाख से 15 लाख करने को मंजूरी दी गई। उत्तराखण्ड से द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों की वीरांगनाओं एवं वेटरन की पेंशन प्रतिमाह 8 हजार रूपये से बढ़ाकर 10 हजार रूपये की है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनकी विधवाओं की प्रतिमाह पेंशन 21 हजार से बढ़ाकर 25 हजार की गई है। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजान दास, सचिव सैनिक कल्याण दीपेन्द्र चौधरी, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, एसएसपी अजय सिंह, निदेशक सैनिक ब्रिगेडियर कल्याण अमृत लाल (से.नि), मेजर जनरल सम्मी सबरवाल(से.नि), रियर एडमिरल ओ.पी.सिंह राणा(से.नि), ब्रिगेडियर के.जी बहल(से.नि) एवं पूर्व सैन्य अधिकारी और वीरांगनाएं उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधाममंत्री के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम की गौरवशाली गाथाओं का नई पीढ़ी को पुनः स्मरण कराने के लिए पूरे देश में स्मारकों और संग्रहालय का निर्माण कराया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा ऐसे वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, सैनिकों व उनके परिवारों के कल्याण के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की गयी है। इस कड़ी में उत्तराखंड का पांचवा धाम सैनिक धाम देहरादून के गुनियाल गांव में बनाया जा रहा है। सरकार स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को स्वास्थ्य सेवाओं और आवासीय योजना में भी प्राथमिकता दे रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पूरे राज्य में 5 हजार हेक्टेयर से भी अधिक जमीन को अतिक्रमण मुक्त किया गया है। सरकार ने चार दिन पहले विधानसभा सत्र में सशक्त भू कानून को पूर्ण बहुमत से पारित कर दिया है। वनाग्नि की समस्या के समाधान के लिए भी प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी की जा रही है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने कहा जिस भी वन क्षेत्र में आग लगेगी संबंधित वन विभाग के आधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। साथ ही आग लगाने वालों के खिलाफ कार्यवाही और नुकसान की भरपाई भी उन्हीं लोगों से की जाएगी। इसके लिए जल्द कानून भी बनाया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष और विकास बनाम वन संरक्षण के संबंध में केंद्र सरकार के साथ चर्चा की जाएगी। इससे चुनौतियों का समाधान होगा और जो विकास कार्य नहीं हो पाते हैं उन पर काम हो सकेगा। साथ ही वन्यजीव हमलों के सबंध में संबंधित अधिकारियों को विधि सम्मत कार्यवाही को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सबकी जान बचाना हमारी प्राथमिकता है। वन्य जीवों के हमलों को लेकर भी जल्द कानून बनाया जाएगा।

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शहीद मेले में रीप परियोजना, बाल विकास, वन विभाग, कृषि विभाग, उद्यान, सहकारिता, समाज कल्याण, डेयरी विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा लगाए स्टॉल लगाकर लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया।

कार्यक्रम में विधायक महंत श्री दिलीप रावत, विधायक यमकेश्वर रेनू बिष्ट,मेयर कोटद्वार श्री शैलेंद्र सिंह रावत, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद दुगड्डा श्रीमती शांति बिष्ट, जिला अध्यक्ष भाजपा श्री वीरेंद्र सिंह रावत, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री लोकेश्वर सिंह, मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

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