DG हो तो बंशीधर तिवारी जी जैसा, जिन्होंने पत्रकारों की पीड़ा को समझा  

DG हो तो बंशीधर तिवारी जी जैसा, जिन्होंने पत्रकारों की पीड़ा को समझा

राज्य गठन के बाद से सूचना विभाग में कई DG आये और चले गए लेकिन जब से बंशीधर तिवारी जी ने सूचना विभाग की कमान संभाली है तब से एक नया बदलाव देखने को मिला है। पत्रकारों के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं। पत्रकारों से मिलना उनकी समस्याओं को सुनना और उसका समाधान करना उनकी प्राथमिकताओं में रहता है। पत्रकारों को विज्ञापन देने की बात हो या फिर विभाग से मिलने वाली किसी भी प्रकार की आर्थिक मदद वह कभी किसी को निराश नहीं करते। पत्रकार चाहे न्यूज़ पोर्टल का हो, मासिक पत्रिका का हो, साप्ताहिक समाचार का हो दैनिक अखबार का हो या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का, वह हर किसी को वह समान भाव से देखते हैं और उसकी समस्याओं के समाधान के लिए कार्य करते हैं।

महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी की कार्यकुशलता ही है कि उन्होंने मीडिया समन्यक के रूप में बेहतर कार्य किया व प्रशासनिक क्षमताओं के चलते देश के आगे विकास कार्यों के मीडिया के तीनों प्लेटफार्म पर बेहद खूबसूरत ढंग से रखा है।महानिदेशक बंशीधर तिवारी के कार्यकाल में तीन मूल्यवान योजनाएं पत्रकारों के हित में बनाई गई हैं। जिनमें पत्रकार कल्याण कोष में 05 करोड़ की जगह 10 करोड़ की वृद्धि, ग्रुप इन्स्योरेंस व स्वतंत्र पत्रकार, राज्य पत्रकार, जिला पत्रकार के बाद अब तहसील स्तर पर तहसील पत्रकार भी मान्यता श्रेणी में रखे जाने को मान्यता दी गई है। हमें लगता है कि यह हमारा दायित्व होना चाहिए कि अगर मीडियाकर्मी विज्ञापन ले रहे हैं तो उनमें यह सब लिखने की क्षमता अवश्य होनी चाहिए कि सरकारी सिस्टम में क़्या गलत है और क़्या सही। यह दुर्भाग्य कि बात है कि हम उस विज्ञापन को जो 13 जनवरी 2022 में जारी हुआ व जिसकी विज्ञापन राशि रूपये 71,99,992.80 है कि प्रति जारी कर इसे करोड़ों में जोड़ दें। और वर्तमान में महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी को टारगेट करें जो कि उनके कार्यकाल में जारी हुआ ही नहीं क्योंकि उन्होंने सितंबर 2022 में सूचना महानिदेशक का पद भार ग्रहण किया है जबकि यह विज्ञापन जनवरी 2022 में जारी किया गया था….
अब ऐसे में सवाल ये भी उठने लगा है कि आखिर यह कोई बड़ी साजिश तो नहीं…
खैर जो भी है इसका भी पर्दाफाश जल्द किया जाएगा

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