धामी के नेतृत्व में राज्य में यह पहला लोकसभा चुनाव था, जिसमें उनके रणनीतिक कौशल की परीक्षा होनी थी और इसमें वह शत-प्रतिशत अंक हासिल करने में सफल रहे

भाजपा ने पांचों सीटों पर लगातार तीसरी बार जीत दर्ज कर इतिहास तो रचा ही साथ हीं इस ऐतिहासिक विजय ने धामी के राजनीतिक कद में भी इजाफा किया पढ़े एक रिपोर्ट

पांचों सीटों पर कमल खिलाने की जिम्मेदारी धामी के कंधों पर थी, उनकी प्रतिष्ठा इस चुनाव से जुड़ी थी तो धामी लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से 6 महीने पहले ही राज्य में चुनाव की दृष्टि से सक्रिय हो गए थे

धामी के नेतृत्व में राज्य में यह पहला लोकसभा चुनाव था, जिसमें उनके रणनीतिक कौशल की परीक्षा होनी थी और इसमें वह शत-प्रतिशत अंक हासिल करने में सफल रहे

 

उत्तराखंड में भाजपा को मिली जीत के नायक निश्चित रूप से प्रधानमंत्री मोदी रहे, लेकिन मुख्यमंत्री धामी भी निरंतर जुटे रहे या कह लीजिए कि उत्तराखंड में मोदी धामी की जोड़ी हिट रही बहुत परिणाम आपके सामने है

हुए लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री धामी के राजनीतिक अनुभव के साथ रणनीतिक कौशल को भी कसौटी पर परखा जाना था जिस पर धामी सफल हुए

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री धामी के कुशल नेतृत्व में लोकसभा चुनाव परिणाम को लेकर जैसी उम्मीद जताई जा रही थी नतीजे ठीक उसी अनुरूप रहे भाजपा ने पांचों सीटों पर लगातार तीसरी बार जीत दर्ज कर इतिहास रचा और इस ऐतिहासिक विजय ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के राजनीतिक कद में भी इजाफा किया है। उनके नेतृत्व में राज्य में यह पहला लोकसभा चुनाव था, जिसमें उनके रणनीतिक कौशल की परीक्षा होनी थी और इसमें वह शत-प्रतिशत अंक हासिल करने में सफल रहे राज्य में इस चुनाव में भी भाजपा को मिली जीत के नायक निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रहे, लेकिन मुख्यमंत्री धामी भी निरंतर जुटे रहे यह कह लीजिए कि उत्तराखंड में मोदी धामी की जोड़ी हिट रही असल में इस चुनाव में मुख्यमंत्री धामी के राजनीतिक अनुभव के साथ रणनीतिक कौशल को भी कसौटी पर परखा जाना था जिस पर धामी सफल हुए! धामी ने अपने अब तक के कार्यकाल के भीतर समान नागरिक संहिता, लैंड जैहाद पर प्रहार, सख्त नकल विरोधी कानून, कठोर धर्मांतरण कानून , सहित राज्य हित में
कही अन्य ऐतिहासिक निर्णय लिए, इससे वह देश में भाजपा के नए चेहरे के तौर पर उभरे और उत्तराखंड ने उन्हें जननेता के रूप में स्वीकार किया ! उनके नेतृत्व में राज्य में लड़े गए लोकसभा चुनाव में पांचों सीटों पर कमल खिलाने की जिम्मेदारी भी धामी के कंधों पर थी यानी, सीधे तौर पर उनकी प्रतिष्ठा इस चुनाव से जुड़ी थी.और इन सबको देखते हुए मुख्यमंत्री धामी लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले ही राज्य में चुनाव की दृष्टि से सक्रिय हो गए थे यानी कि धामी ने पिछले साल नवंबर महीने से ही कमान संभाल ली थी , धामी एक्टिव हो गए थे…
उत्तराखंड में रोजगार की दृष्टि से.. पहाड़ों से लेकर मैदान तक निवेशक निवेश करेंगे…. यानी कि धामी के कुशल नेतृत्व में इन्वेस्टर समिट के आयोजन ने अपनी एक शानदार रूप रेखा खिची और धामी इसमें अभी तक सफल रहे, जो संदेश पूरे राज्य में गया 3.56 लाख करोड़ से अधिक के एमयू एक नए उत्तराखंड के निर्माण के लिए हुए… जिनमें से अधिकांश प्रस्तावों की ग्राउंडिंग हो चुकी है और निवेश प्रस्ताव में इकोलॉजी तथा इकोनमी के समन्वय के साथ युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध करने पर कार्य जारी है….
लेकिन इससे पहले मुख्यमंत्री धामी के कुशल नेतृत्व में उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में फंसे सभी 40 मजदूरों को सुरक्षित निकाला गया….. जिसके लिए पीएम मोदी से लेकर… गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री धामी की पीठ थप थपाई थी…… धामी जिस तरह लगातार ग्राउंड जीरो पर जाकर टनल में फंसे श्रमिकों का हौसला बढ़ा रहे थे , उनके परिजनों से बात कर रहे थे, टनल रेस्क्यू में लगे सभी टीमों का जिस तरह से हौसला हफजाई कर रहे थे ..इसे पूरा उत्तराखंड ही नहीं देश भी देख रहा था और धामी के इसी अपनेपन और प्यार को देख सभी श्रमिकों से लेकर उनके परिजनों की आंखों में खुशी की आंसू थे यहां पर भी धामी की लोकप्रियता का ग्राफ राज्य सहित देश भर मे बढ़ गया वहीं इसी बीच मुख्यमंत्री धामी ने साल 2024 के आगाज के साथ हीं जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए अधिकारी को गांवों में जाकर चौपाल लगाने के निर्देश दिए मुख्यमंत्री धामी ने निर्देश दिए थे कि समय-समय पर अधिकारी रात्रि चौपाल लगाकर जन समस्याओं को सुनें और उनका मौके पर निदान करें. इसका भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिला और जनता के चेहरे पर मुस्कान क्योंकि हो रहा था समस्याओ का समाधान
मुख्यमंत्री धामी ने ताबड़तोड़ बैठकों का दौर आरम्भ कर दिया धामी ने निर्देश दिए कि तहसील दिवसों का रोस्टर बनाकर नियमित आयोजन किया जाए। सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का आम जन को लाभ मिले, इसके लिए प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए. वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद राज्य में सरकार जनता के द्वार, अनुशासित प्रदेश और भय मुक्त समाज जैसे कार्यक्रम चलाये गये ! धामी मिशन 2024 को फतह करने में जुट गये थे पूरे राज्य में गैर राजनीतिक नारीशक्ति वंदन कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की गई जो उत्तराखंड के 13 के 13 सभी जिलों में आयोजित हुई…और इन कार्यक्रमों में जो मातृशक्ति युवा,बुजुर्ग, जवान,छात्र, छात्राओ का जो हुजूर उमड़ा वह देखने लायक था…. अपने प्रिय नेता जननेता धामी को देखने के लिए .. सड़कों के चौराहा से लेकर… क्या मकान की खिड़कियां छत और गलियां भरी पड़ी थी हर कोई धामी जिंदाबाद के नारे लग रहा था तो आम से लेकर खास धामी पर फूलों की बरसात कर रहा था और यह नजारा राज्य के एक जिले में नहीं राज्य के 13 जिलों में देखने को मिला था… इस तमाम गेर राजनीतिक कार्यक्रम में धामी ने प्रदेश की जनता का अभिवादन किया. उनका धन्यवाद किया साथ हीं वह मोदी धामी सरकार के कामकाजों को जनता को बता रहे थे उत्तराखंड को समझा रहे थे कि कैसे डबल इजन कि सरकार राज्य में काम कर रही है वह जनता को बता रहे थे कि प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड से दिल का नाता है उनसे राज्य के विकास के लिए जब भी कुछ मांगा जाता है वह हमको मिलता है नारी शक्ति वंदन महोत्सव में जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा था कि हम ना रुकने वाले हैं, ना झुकने वाले हैं, ना हम पीछे हटने वाले हैं, हम निर्णय लेने वाले हैं। कई बार मुश्किल हालात आए, लेकिन जनता के हित में सभी निर्णय लिए गए आगे भी ऐसा ही होगा धामी को प्रदेश के 13 जिलों की जनता जिस प्रकार सुन रही थी… और मोदी धामी जिंदाबाद के नारे लगा रही थी.. उससे संकेत मिलने लगे थे कि भाजपा इस बार इतिहास रचेगी वही चुनाव प्रचार अभियान के दौरान भी बिना थके बिना रुके मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में ताबड़तोड़ 68 से अधिक ताबड़तोड़ जनसभाएं, रोड शो जैसे कार्यक्रमों को कर फिर जनता को संबोधित किया..और यही नहीं, प्रधानमंत्री समेत अन्य बड़े नेताओं की राज्य में हुई 42 से अधिक जन सभाओं, रैलियों में धामी स्वयं भी स्वाभाविक रूप से उपस्थित रहे.. इन रेलियों और रोड में धामी जनता को बता रहै थे कि क्यों देश में जरूरी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फिर से प्रधानमंत्री बनना, जिसके लिए आपको उत्तराखंड से खिलाने हैं पांचो कमल के फूल…. बस फिर क्या था जनता ने भी धामी को निराश नहीं किया और धामी की अपेक्षा से बढ़कर रिजल्ट देकर पाचो सीटों पर खिला डाला कमल का फूल…
आज जबकि चुनाव के परिणाम आ चुके हैं और पांचों सीटों पर लगातार तीसरी बार कमल खिला है तो इससे मुख्यमंत्री धामी का कद और बढ़ा है। वही राजनीति के चाणक्यों का कहना हैकि प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुख्यमंत्री धामी की केमिस्ट्री ने भी रंग जमाया है..धामी जहा देवभूमि की जनता के मिजाज को भांपने में कामयाब रहे वहीं धामी ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के समक्ष अपनी नेतृत्व क्षमता को साबित करके भी दिखाया

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