Saturday, March 15News That Matters

पवलगढ़ का नाम बदला गया अब सीतावनी कंजर्वेशन कहलाएगा सीएम धामी के आदेश पर जारी हुआ शासनादेश  

पवलगढ़ का नाम बदला गया अब सीतावनी कंजर्वेशन कहलाएगा सीएम धामी के आदेश पर जारी हुआ शासनादेश

 

 

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रभु राम का उत्तराखंड की देव भूमि से संबंध रहा है इसी क्रम में पवल गढ़ कंजर्वेशन रिज़र्व का नाम बदल कर अब सीतावनी किया गया है

 

 

 

धामी सरकार ने श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अवसर पर उत्तराखंड के पवलगढ़ कंजर्वेशन रिज़र्व का नाम बदल कर सीतावनी कंजर्वेशन रिज़र्व रख दिया है

 

उत्तराखंड की धामी सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है जिसने एक संरक्षित क्षेत्र का नाम माँ सीता के नाम पर रखा है। ये जंगल 5824.76 हैक्टेयर क्षेत्रफल में फैला है जो टाईगर, हाथी, पक्षी व तितलियों के लिए प्रसिद्ध हैं

 

 

बच्चों ने व स्थानीय लोगों ने पत्र लिख कर मुख्यमंत्री धामी से किया था अनुरोध.. अब पवलगढ़ का नाम सीतावनी कंजर्वेशन कहलाएगा

 

 

 

उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार ने श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अवसर पर उत्तराखंड के पवलगढ़ कंजर्वेशन रिज़र्व का नाम बदल कर सीतावनी कंजर्वेशन रिज़र्व रख दिया है

सीतावनी कंजर्वेशन रिज़र्व में माँ सीता का पौराणिक मंदिर और महा ऋषि वाल्मीकि आश्रम है जिसकी देखरेख भारतीय पुरातत्व विभाग करता है और यहां जाने की अनुमति वन विभाग देता है..

उत्तराखंड की धामी सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है जिसने एक संरक्षित क्षेत्र का नाम माँ सीता के नाम पर रखा है। ये जंगल 5824.76 हैक्टेयर क्षेत्रफल में फैला है जो टाईगर, हाथी, पक्षी व तितलियों के लिए प्रसिद्ध हैं । यहां बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थ यात्री भी जाते है।

यह भी पढ़ें -  उतराखंड. इंडियन आइडल 12 के विजेता मशहूर गायक पवनदीप राजन के गांव चौकी को पंजाब नेशनल बैंक ने गोद ले लिया है पूरी खबर पढ़ें ।

इस जंगल को सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किए जाने की मांग, राम नगर और आसपास के कई छोटे बच्चो ने पत्र लिख कर मुख्यमंत्री धामी से की थी, जिस पर वन विभाग के अधिकारियों को सीएम धामी ने निर्देशित किया था, जिस पर आज शासनादेश जारी कर दिया गया।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रभु राम का उत्तराखंड की देव भूमि से संबंध रहा है इसी क्रम में पवल गढ़ कंजर्वेशन रिज़र्व का नाम बदल कर अब सीतावनी किया गया है। उन्होंने बताया कि इस बारे में कई बच्चों ने व स्थानीय लोगों द्वारा पत्र लिख कर अनुरोध भी किया था उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *