उत्तराखंड में नौ दिनों तक रहेगी श्रीराम की गूंज, प्रदेश भर में मनाया जाएगा सांस्कृतिक उत्सव…
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखंड में उत्तरायणी पर्व से लेकर नौ दिनों तक श्रीराम गूंज रहेगी
14 जनवरी को उत्तरायणी पर्व है इसी दिन से 22 जनवरी तक अयोध्या में श्रीराम मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम तक उत्सव मनाया जाएगा
मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड के वातावरण को बना दिया राम मय…
मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर बागेश्वर में होने वाले उत्तरायणी मेला अयोध्या थीम पर हो रहा है
सीएम धामी राम के काम और नाम के साथ छोड़ रहे है अपने फैसलों के तीर…
22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले भगवान श्रीराम के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के उपलक्ष्य में देवभूमि राम मय..
धामी ने किया भगवान श्रीराम और अयोध्या से राज्य की जनता को कनेक्ट करने काम ..
देवभूमि के वातावरण को राम मय सीएम धामी ने बना दिया है
लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले भगवान श्रीराम के कार्यों में जुटें और उसके बाद अगला दांव समान नागरिक संहिता का होगा। उत्तराखंड में यूसीसी का इंतजाम करने से पहले सीएम देवभूमि के वातावरण को राम मय बनाने के अभियान में जुटें.
सीएम धामी राम के काम और नाम के साथ अपने तरकश से सिलसिलेवार फैसलों के तीर छोड़ेंगे, जो लोकसभा चुनाव के लिहाज से महत्वपूर्ण हो सकते हैं। मसलन, 22 जनवरी के बाद उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने की कवायद जोर पकड़ सकती है। इसके साथ सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हटाने के अभियान में और तेजी की संभावना है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखंड में उत्तरायणी पर्व से लेकर नौ दिनों तक श्रीराम गूंज रहेगी। 14 से 22 जनवरी तक प्रदेश भर में सांस्कृतिक उत्सव मनाया जाएगा। इस संबंध में संस्कृति एवं धर्मस्व सचिव हरिचंद्र सेमवाल ने गढ़वाल और कुमाऊं मंडल आयुक्त को आदेश जारी किए। जिला व ब्लाक स्तर पर महिला और युवक मंगल दल, स्वयं सहायता समूहों समेत आम लोगों की सहभागिता से कलश यात्रा और झांकी निकाली जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशानिर्देश पर संस्कृति एवं धर्मस्व विभाग ने प्रदेश भर में सांस्कृतिक उत्सव का निर्णय लिया है। 14 जनवरी को उत्तरायणी पर्व है। इसी दिन से 22 जनवरी तक अयोध्या में श्रीराम मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम तक उत्सव मनाया जाएगा
इसमें विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। जिसमें शहरी निकाय, जिला पंचायत, ग्राम पंचायत, सामाजिक संगठनों, स्वयं सहायता समूह, महिला मंडल दल, युवक मंडल दल, स्कूल, कॉलेज शामिल होंगे। इसके अलावा मंदिरों व घाटों पर दीपोत्सव, आरती, रामचरित मानस का पाठ, भजन-कीर्तन का आयोजन होगा