उत्तराखंड में अब नहीं काटने पड़ेंगे कोषागारों के चक्कर, घर बैठे ऐसे बनाएं डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र

उत्तराखंड में अब नहीं काटने पड़ेंगे कोषागारों के चक्कर, घर बैठे ऐसे बनाएं डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र


जीवन प्रमाणपत्र की चालू व्यवस्था के साथ-साथ विकल्प के रूप ई-जीवन प्रमाणपत्र की व्यवस्था भी लागू की गई है। यूआईडीएआई द्वारा तैयार आधार फेस आरडी एप्लीकेशन में चेहरे के सत्यापन के माध्यम से डिजिटल प्रमाणपत्र जमा होगा।
प्रदेश के करीब सवा लाख पेंशनरों व पारिवारिक पेंशनरों को अब जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए कोषागारों के चक्कर नहीं काटने होंगे। अब वे घर पर बैठे ऑनलाइन डिजिटल प्रमाणपत्र जनरेट कर सकेंगे और यह प्रमाण पत्र स्वतः ही एकीकृत वित्त प्रबंधन प्रणाली (आईएफएमएस) के माध्यम से कोषागार पहुंच जाएगा।
अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने इस नई व्यवस्था को लागू करने के संबंध में अफसरों को पत्र जारी कर दिया है। जीवन प्रमाणपत्र की चालू व्यवस्था के साथ-साथ विकल्प के रूप ई-जीवन प्रमाणपत्र की व्यवस्था भी लागू की गई है।

यूआईडीएआई द्वारा तैयार आधार फेस आरडी एप्लीकेशन में चेहरे के सत्यापन के माध्यम से डिजिटल प्रमाणपत्र जमा होगा। जो पेंशनर एप्लीकेशन के माध्यम से जीवन प्रमाणपत्र जनरेट करेंगे, उन पर कोषागार में उपस्थित होने की अनिवार्यता नहीं होगी।
जीवन प्रमाणपत्र जमा होने के बाद एसएफटीपी सर्वर के माध्यम से आईएफएमएस सर्वर को उपलब्ध हो जाएगा। उपलब्ध डाटा के आधार पर वित्तीय डाटा सेंटर से कोषागार स्तर पर एक एमआईएस रिपोर्ट होगी। एमआईएस रिपोर्ट के आधार पर पेंशनरों के प्रमाणपत्र स्वीकृत या अस्वीकृत होंगे। जिसकी सूचना एसएमएस के माध्य पेंशनर को मिल जाएगी।
पेंशनरों को ये करना होगा
सुनिश्चत करेंगे कि आधार संख्या कोषागार में पंजीकृत हो। यदि आधार संख्या प्रोफाइल में उपलब्ध नहीं है तो पेंशनर को पेंशन प्राधिकार पत्र, आधार कार्ड व बैंक पासबुक की प्रति लेकर नजदीकी कोषागार में आधार पंजीकृत कराना होगा। कोषागार संबंधित पेंशनर का जीआरडी नंबर का प्रयोग कर पेंशन मास्टर खोलेगा और उसमें आधार नंबर व मोबाइल नंबर सेव करेगा। पेंशनर गूगल प्ले स्टोर पर जाकर जीवन प्रमाणपत्र व आधार फेस आरडी एप्लीकेशन इंस्टाल करेगा। एप के प्रयोग से अपने चेहरे को मोबाइल फोन की सहायता से स्कैन कर ऑपरेटर के रूप में स्वयं को पंजीकृत किया जाएगा।

यह भी पढ़ें -  मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में उत्तरखंड सरकार DARC के माध्यम से ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग कराएगा तथा समस्त ड्रोन पायलटों को "ड्रोन मित्र" के तहत सूचीबद्ध कर रोजगार उपलब्ध करवाएगा.

जो पेंशनर www.jeevanpramaan.gov.in में पंजीकृत हो जाएंगे, वे भविष्य में जीवन प्रमाणपत्र स्मार्ट फोन, टेबलेट पर एप्लीकेशन से डाउनलोड कर फिंगर प्रिंट स्कैनर/ आधार फेस आरडी एप का प्रयोग कर घर से भी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र दे सकेंगे। वे नजदीकी जीवन प्रमाणपत्र केंद्र या नागरिक सुविधा केंद्र में भी संपर्क कर सकते हैं।

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