लालकुआं- पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के लालकुआं से प्रत्याशी हरीश रावत ने मंगलवार को गौलापार और चोरगलिया क्षेत्र में ताबड़तोड़ चुनावी सभाएं की। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा सरकार का बस चलता तो वह किसानों के खेत की मिट्टी भी बेच देती। रावत ने कहा कि हमने पहले भी किया है और अब भी करके दिखाएंगे। रावत ने कहा कि हम लालकुआं विधानसभा क्षेत्र को एक मॉडल विधानसभा के रूप में सामने प्रस्तुत करेंगे।
यह बात रावत ने मंगलवार को गौलापार क्षेत्र के मानपुर, दानीबंगर, मदनपुर, नकैल, गंगानगर और धौलाखेड़ा में अलग-अलग स्थानों में हुई चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए कही। रावत ने कहा कि भाजपा सरकार ने 5 साल में तीन मुख्यमंत्री बदले। भाजपा को यह बताना चाहिए कि यदि पहले और दूसरे मुख्यमंत्री क्यों नहीं चल पाए। और जो अंत में तीसरे युवा मुख्यमंत्री थोपे गए उन्होंने ऐसा क्या काम कर लिया? उनका रिकॉर्ड यह है कि वह एक खनन मुख्यमंत्री के रूप में सामने आए हैं। उन्होंने सभी नदी नालों की बालू बेच डाली है।
उनका बस चलता तो वह किसानों के खेतों की मिट्टी भी बेच देते। इन्हें हिम्मत है तो यह बताएं कि 5 साल में इन्होंने कौन से पांच काम किए? यही वजह रही कि अपने कारनामे छुपाने के लिए अपने विधायक का ही टिकट काट दिया। रावत ने कहा कि भाजपा ने घसियारी योजना लागू करके माताओं और बहनों के हाथों में दराती देने का काम किया है। यह विकास का युग है और अब हम अपनी माताओं और बहनों के लिए ऐसी योजना चलाएंगे कि उनके हाथों में एंड्रॉयड फोन होगा।
गौलापार क्षेत्र के किसानों की समस्याओं से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्र में हाथी रोधी तार-बाड़ करेंगे और दीवार बनाएंगे, ताकि जंगली जानवरों से किसानों की फसलों को बचाया जा सके। आवारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए जगह-जगह पर गौशालाएं बनाएंगे। उन्होंने कहा कि गौलापार क्षेत्र में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। हमारा मकसद है कि हर महिला आत्म निर्भर होनी चाहिए। 5 साल में हर महिला का बैंक में खाता होगा ताकि कुछ ना कुछ बचत महिलाओं की हो सके। पुष्टाहार को महिलाओं का अधिकार बनाएंगे, यह हमारी सरकार की प्राथमिकता होगी।
हम वृद्धावस्था पेंशन को पुरुष-महिला दोनों के लिए लागू करेंगे। किसानों को मालिकाना हक का दर्जा देना है। उन्होंने भाजपा पर तंज करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ मुख्यमंत्री बदलने से अलावा कोई काम नहीं किया है। जो लोग सड़कों के गड्ढे नहीं भर पाए क्या वह यहां की जनता को जो सालों से मालिकाना हक की लड़ाई से वंचित है उन्हें मालिकाना हक दिला पाएंगे? बरेली नेशनल हाईवे में 6 साल से गड्ढे पड़े हैं यह सरकार उन्हें तक नहीं भर पाई