कुंभ 2021 : जूना सहित इन सभी अखाड़ों ने की कुंभ विसर्जन की घोषणा, सरकार की एसओपी में मेला अवधि में कोई बदलाव नहीं
बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद नागा संन्यासियों के सबसे बड़े श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा ने शनिवार देर शाम कुंभ विसर्जन की घोषणा कर दी। अखाड़ा पदाधिकारियों एवं संतों की आपात बैठक में कोविड के बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए यह निर्णय लिया गया।
जूना के सहयोगी अग्नि, आह्वान और किन्नर अखाड़ा भी इसमें शामिल हैं। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी और श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा ने भी शनिवार से कुंभ विसर्जन कर दिया है। विधिवत समापन 30 अप्रैल को होगा। 30 अप्रैल कुंभ अवधि तक सात अखाड़ों में आयोजन होते रहेंगे।
हम सभी जानते है कि महाकुंभ में भीड़ के चलते कोरोना फैलने से सवाल उठने लगे थे 12 और 14 अप्रैल के स्नान में 39 लाख से अधिक श्रद्धालुओं और संतों की डुबकी लगाए जाने के बाद हरिद्वार में कोरोना तेजी से फैल गया है। तो मरीजों के साथ मृतकों की संख्या भी बढ़ने लगी है।
कोविड के प्रसार होने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरी से टेलीफोन पर वार्ता की। कुंभ मेला प्रतीकात्मक करने की अपील की। जिसके बाद जूना अखाड़ा में शनिवार शाम आपात बैठक बुलाई गई।
जिसमें आपसी सहमति से कुंभ मेला के विसर्जन की घोषणा हुई। अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेमगिरि की अध्यक्षता एवं अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि के संचालन में वैश्विक यह फैसला लिया गया।
संतों ने कहा कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप से मेले में सामुदायिक संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ रही है। लिहाजा, सभी की सुरक्षा के लिए मेला विसर्जन आवश्यक हो गया है। श्रीमहंत हरिगिरि ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अपील के बाद अखाड़ा ने मेले में समस्त देवी-देवताओं जिनका आहवान किया था, उनका पूजा-अर्चना कर विर्सजन कर दिया गया।
श्रीमहंत हरिगिरी ने कहा कि देवी देवताओं से कोरोना महामारी से पूरे विश्व को मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की। श्रीमहंत प्रेम गिरि ने कहा देवी देवताओं के विसर्जन के साथ ही कुंभ मेला विसर्जित हो गया है।
जूना अखाड़ा के घोषणा से उनके सहयोगी अग्नि अखाड़ा, आह्वान अखाड़ा और किन्नर अखाड़ा ( अखाड़ा परिषद से मान्य नहीं) का भी कुंभ विर्जसन हो गया है। श्री निरंजनी और आनंद अखाड़ा पहले ही 17 अप्रैल से कुंभ मेला विसर्जन की घोषणा कर चुके हैं। शनिवार को छह अखाड़ों के कुंभ विसर्जन से अघोषित रूप से कुंभ का समापन भी हो गया।
किशोर न्यायालय के 34 वर्षीय पीठासीन अधिकारी सहित हरिद्वार जिले में 743 नए कोविड संक्रमित मिले हैं। वहीं बैरागी कैंप में पांच संत और अनुयायी कोविड संक्रमित पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अखाड़ों और आश्रमों में 260 संतों के आरटी-पीसीआर जांच के लिए सैंपल लिए हैं।
हरिद्वार में कोविड की दूसरी लहर का कहर जारी है। जिले में 743 नए कोविड पॉजिटिव मिले हैं।
इनमें 175 श्रद्धालु भी शामिल हैं। पॉश कॉलोनी शिवालिक नगर में सबसे अधिक 35 लोग संक्रमित पाए गए हैं। भेल में 24, पतंजलि योगपीठ में 10, आईआईटी रुड़की में पांच कोविड संक्रमित मिले हैं।
सीएमओ डा. एसके झा ने बताया कि जिले में 14459 लोगों की रैडम एंटीजन जांच की गई।
वहीं 5606 लोगों के आरटी-पीसीआर जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं। जबकि 87 लोगों की ट्रूनेट जांच की गई है। इनमें से 568 लोग कोविड संक्रमित मिले हैं।
उन्होंने बताया कि 115 संक्रमित स्वस्थ हुए हैं। वर्तमान में जिले में कोविड संक्रमितों की संख्या 1316 है। वहीं मेलाधिकारी स्वास्थ्य डा. अर्जुन सिंह सेंगर बताया कि
मेला क्षेत्र और राज्यसीमा पर 10351 लोगों की रैंडम एंटीजन जांच और 3446 लोगों के आरटी-पीसीआर जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं। इनमें से 175 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
इन अखाड़ों, आश्रमों में लिए गए सैंपल
अखिल भारतीय श्री पंच दिंगबर अणि में 89, श्री पंचायती अटल अखाड़ा में 45, बाबा हठयोगी आश्रम में 40, श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा में 39, दक्षिणेश्वर काली मंदिर में 32, श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा में 11, उदासीन अखाड़ा में चार संतों की कोविड आरटी-पीसीआर जांच के लिए स्वैब सैंपल लिए गए।