देहरादून: उत्तराखंड में राजनितिक जमीन तलाश रही आम आदमी पार्टी त्रिवेंद्र सरकार पर बेतर्क आरोप के साथ ही त्रिवेंद्र सरकार को कामकाजों को गिनाने सरीखा चैलेंज दे रही है। हालांकि, कैग रिपोर्ट ने AAP की दिल्ली सरकार के कारिंदों की पोल खोल कर रख दी है। साथ ही त्रिवेंद्र सरकार ने भी चैलेंज देने वाले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पांच कामकाज गिनाने के चैलेंज पर अपने कामकाज की लम्बी लिस्ट गिना दी।
त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व वाली जीरो टोलेरेंस की भाजपा सरकार को चेलेंज देने वाली आप पार्टी के दिल्ली में भ्रष्टाचार से घिरे रहने की पोल खुलने के बाद आप को फजीहत झेलनी पड़ गई। आम आदमी पार्टी दावा कर रही है कि, आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली की तर्ज पर देवभूमि में सुचितापूर्ण, पारदर्शी और भ्रष्टाचारमुक्त प्रशासन देगी, पर दिल्ली की बात करें तो धरातल पर स्थिति इससे ठीक उलट है। केजरीवाल सरकार भ्रष्टाचार के आधा दर्जन मामलों में जवाब देने से बच रही है। ऐसे में बड़ा, पहला और मात्र एक सवाल यह है कि देश की राजधानी में तमाम घपलों में घिरी आप सरकार जीरो टालरेंस की नीति पर चलने वाली त्रिवेंद्र सरकार के सामने आखिर कैसे खड़ी हो पायेगी।
बताया जा रहा है कि सिसौदिया ने कार्यकर्ताओं की मीटिंग में यह भी कहा कि प्रदेश सरकारों की अनदेखी के कारण उत्तराखंड के लोगों को उनका हक नहीं मिल पाया है। राज्य में संसाधन भरपूर हैं। सरकारें इन संसाधनों का दोहन नहीं कर सकी। यह भी कहा कि दिल्ली के पास अपने कोई भी संसाधन नहीं हैं। लेकिन उत्तराखंड का जन मानस इस सिसौदिया की इस बात से कतई इत्तेफाक नहीं रखता और रखेगा भी कैसे। उत्तरांखड में आज किसी को पता है कि चुनाव के समय बिजली, पानी मुफ्त मुहैया कराने का चुग्गा फेंकने वाली दिल्ली सरकार ने अब गरीबों से वसूली के नए रास्ते इजाद कर दिए हैं।
आप नेता का दावा है कि लोगों का आप पार्टी भरोसा बढ़ रहा है। लेकिन राजनीति के जानकारों का मानना है कि आप की नीतियों से जब लोग नावाकिफ थे, तब दिल्ली में भ्रम की स्थितियां पैदा कर आप पार्टी ने सत्ता हासिल की। अब उनका पूरा कच्चा चिठ्ठा जनता के सामने है। उत्तराखण्ड के संदर्भ में दूसरी अहम बात जिसे अब लोग समझने लगे हैं। वह यह कि जब से राज्य में त्रिवेंद्र सरकार ने जिम्मेदारी संभाली भ्रष्टाचार निवारण की दिशा में अभूतपूर्व कार्य हुए। व्यवस्थाओं में आमूल चूल परिवर्तन हुआ है। यहां भ्रष्टाचारी गतिविधियों में लिप्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों तक को त्रिवेंद्र सरकार ने नहीं बख्शा, तो अन्य की बिसात क्या है।
इन हालातों में ख्याली पुलावों पर खेलने वाली आप नेताओं के लिए उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार के आगे खड़े होने तक की स्थितियां भी यहां नहीं हैं। दिल्ली में आई कैग की रिपोर्ट ने तो केजरीवाल सरकार और उसके कारिंदों की पोल खोल कर कर दी है। कैसे दिल्ली की आम आदमी सरकार ने अपने स्वार्थ साधने के लिए भ्रष्टाचार का खुला नाच किया। ऐसे में जीरो टालरेंस वाले वातावरण में आप कहां ठहर पायेगी।
एक नजर दिल्ली में केजरीवाल सरकार के कारनामों पर कैग रिपोर्ट के अनुसार:
– 2,682 डीटीसी बसों का बीमा नहीं होने से एक कंपनी को करोड़ों का फायदा पहुंचाया।
– एसडीएमसी ने नाले के निर्माण और सुंदरीकरण के नाम पर 30.92 करोड़ आप ने ठिकाने लगाए।
– नौरोजी नगर और पुष्प विहार में पर्यावरण के मानदंडों की अनुपालन किए बिना नालों को ढकने के कारण 40.58 करोड़ का खर्च।
– खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अधीन लाभार्थियों के पंजीकरण में घपला हुआ।
– तीन मेडिकल कॉलेजों (टिबिया कॉलेज, बीआर सुर होम्योपैथी कॉलेज, चैधरी ब्रह्म प्रकाश चरक संस्थान) में 37 से 52 फीसदी डॉक्टर, फार्मासिस्ट और नर्स कैडर में घपला।
– दिल्ली में 68 रक्त कोषों में से 32 केंद्र बिना लाइसेंस के ही चल रहे हैं।
– 2 अक्टूबर 2014 से भारत सरकार की ओर से शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन से ढाई साल तक एक भी शौचालय नहीं बना. जबकि इसके लिए 40.31 करोड़ की रकम आवंटित की गई, लेकिन इस्तेमाल नहीं किया गया. ये कैग की रिपोर्ट है। और इससे केजरीवाल सरकार और आम आदमी पार्टी की की मंशा काफी हद तक साफ हो रही है। ऐसे में उत्तरांखड में चल रहे भ्रष्टाचार उन्मूलन कार्यक्रम में इनके पांव किसी भी सूरत में टिक नहीं पायेंगे।
एक नजर आम आदमी पार्टी द्वारा 5 काम गिनाने वाले चेलेंज पर त्रिवेंद्र सरकार का जवाब, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र की चुनिंदा उपलब्धियां:
1- भ्रष्टाचार पर लगाया प्रभावी अंकुश।
2- देवस्थानम बोर्ड का गठन।
3- उत्तराखंड अटल आयुष्मान योजना का सफल क्रियान्वयन।
4- गैरसैंण को घोषित किया ग्रीष्मकालीन राजधानी।
5- रेल कनेक्टिविटी के निर्माण कार्य में लाई गई तेजी।
6- युद्धस्तर पर चल रहा है चारधाम ऑल वेदर परियोजना का काम।
7- 2018 में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन। 124 लाख करोड़ के 601 एमओयू हुए साइन। पहाड़ों में बढ़ा निवेश। अब तक पहले चरण में हो चुकी है 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की ग्राउंडिंग।
8- 13 डिस्ट्रिक्ट, 13 न्यू डेस्टिनेशन योजना से किया जा रहा है पर्यटन विकास।
9- होम स्टे योजना से पर्यटन मानचित्र से जुड़ रहे हैं दूर दराज के गाँव।
10 – प्रदेशभर के राजकीय चिकित्सालयों में भरे गए डॉक्टरों के रिक्त पद।
11- देहरादून में रिस्पना और अल्मोड़ा में कोसी नदी को पुनर्जीवित करने का काम शुरू।
12- उड़ान योजना के तहत पंतनगर और पिथौरागढ़ आदि स्थानों को हवाई नक्शे से जोड़ा गया।
13- किसानों को 0 % ब्याज पर दिया जा रहा है ऋण।
14 – साढ़े तीन साल में 7.12 लाख लोगों को दिया प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार।
15 – पलायन आयोग का गठन कर रिवर्स पलायन को लेकर योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है काम। इसी के तहत अब तक 100 से अधिक ग्रोथ सेंटर्स की स्थापना को दी गई मंजूरी।
16 – प्रदेश के गन्ना किसानों को अवशेष गन्ना मूल्य का शत-प्रतिशत भुगतान किया गया।
17- केदारनाथ पुनर्निर्माण के कार्य में लाई गई तेजी।
18- बद्रीनाथ धाम के विकास का मास्टरप्लान तैयार।
19- भारत नवाचार सूचकांक 2019 में पूर्वोत्तर एवम पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में उत्तराखंड सर्वश्रेष्ठ तीन राज्यों में शामिल।
20- उत्तराखंड को 66वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार में बेस्ट फ़िल्म फ्रेंडली स्टेट घोषित किया गया।
21- स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तराखंड को मिले 7 पुरूष्कार।
22- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में उधमसिंहनगर ज़िले को देश के सर्वश्रेष्ठ 10 जिलों में मिला स्थान।
23 – उत्तराखंड को खाद्यान्न उत्पादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दूसरी बार कृषि कर्मण प्रशंसा पुरुष्कार मिला।
24 – जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड को जैविक इंडिया अवॉर्ड 2018 दिया गया।
25 – मनरेगा में देशभर में सर्वाधिक 16 राष्ट्रीय पुरुष्कार उत्तराखंड को मिले।
26 – मातृत्व मृत्यु दर में सर्वाधिक कमी के लिए उत्तराखंड को भारत सरकार ने किया पुरष्कृत।
27- आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सहायिका और मिन्नी कार्यकत्री के मानदेय में कई गई बढ़ोतरी।
28 – वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांगजनो की पेंशन राशि बढ़ाकर की गई 1200 रुपये प्रति माह।
29 – ग्राम प्रहरियों का मानदेय 2000 रुपया प्रतिमाह किया गया।
30 – दिव्यांगजनो के लिए आरक्षण 3 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी किया गया।
31 – अनाथ बच्चों को सरकारी सेवाओं में कई गई आरक्षण की व्यवस्था।
32 – दुर्घटना राहत राशि को मृत्यु पर 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख, गंभीर घायल होने पर 20 हजार से बढ़ाकर किया गया 40 हजार।
33 – शहीद सैनिकों के परिजनों को योग्यतानुसार दी जा रही है नौकरी।
34- विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में की गई बढ़ोतरी।
35 – ई- कैबिनेट, ई- ऑफिस, सीएम डैश बोर्ड उत्कर्ष, सीएम हेल्पलाइन 1905 और सेवा का अधिकार की पारदर्शिता के चलते कार्यसंस्कृति में हुआ सुधार।
36 – ट्रान्सफर एक्ट को पारदर्शिता के साथ किया गया लागू।
37 – 2021 में हरिद्वार में प्रस्तावित कुम्भ की लगभग पूरी हो चुकी है ठोस तैयारियां।
38 – गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को बांटा गया राशन।
39 – शिक्षा में NCRT की पुस्तकें कीं शुरू।
40 – देहरादून में 175 करोड़ की लागत से देश की पांचवीं साइंस सिटी का हो रहा है निर्माण।
41 – राज्य में साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना का निर्णय।
42 – ग्रामीण क्षेत्र के निर्धन तबके को मात्र एक रूपया और शहरी क्षेत्र में 100 रूपया शुल्क पर घर-घर जल पहुंचाने की योजना शुरू।