उत्तराखंड: गांवों की 70 लाख आबादी को मिलेगी हेल्प डेस्क की सुविधा, ये होगा फायदा

उत्तराखंड के गांवों में रहने वाली 70 लाख से अधिक की आबादी को अब हेल्प डेस्क की सुविधा मिलेगी। इस डेस्क के जरिए 63 हजार से अधिक पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ही गांवों के अन्य लोग अपनी समस्याओं को सामने रख सकेंगे, जरूरी परामर्श ले सकेंगे और योजनाओं की जानकारी सीधे हासिल कर सकेंगे।

सोमवार को पंचायत विभाग ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने इस योजना का खाका पेश किया। पंचायत सचिव हरिचंद्र सेमवाल ने बताया कि सरकारी ई-मार्केट (जीईएम) के जरिये इस व्यवस्था को तैयार किया जा रहा है।
ई-मेल, व्हाट्सअप, दूरभाष, एसएमएस आदि के जरिए ग्राम समाज तक पहुंच बनेगी। इससे उपभोक्ता सेवा केंद्रों, सूचना प्रौद्योगिकी आदि को भी जोड़ा गया है। हेल्प डेस्क का मुख्य उद्देश्य पंचायतों का क्षमता विकास करना है।
पंचायत सचिव के मुताबिक, नौ नवंबर तक इस योजना को धरातल पर उतारने की तैयारी है। इस दौरान पंचायत मंत्री अरविंद पांडे, निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा, अपर सचिव वित्त भूपेश तिवारी सहित अन्य उपस्थित रहे।
क्या होगा फायदा
पंचायत निदेशालय के स्तर पर स्थापित होने वाली इस व्यवस्था में एक बार में पंचायत विभाग दस हजार लोगों से अलग-अलग संचार माध्यमों से जुड़ सकेगा। ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर गांव का कोई भी व्यक्ति इस डेस्क को अपनी समस्या बता सकेगा और सरकारी योजनाओं से लेकर अन्य मामलों में परामर्श ले सकेगा।

पंचायत विभाग का कहना है कि यह हेल्प डेस्क सिर्फ पंचायत के लिए नहीं है। पंचायत को संविधान के तहत सौंपे गए 29 विषयों शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, बिजली, सफाई आदि से संबंधित विभाग भी इसमें शामिल हैं।

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