
पुष्कर तेरे राज में ईमानदार अधिकारियों का बढ़ा मान ओर भ्रष्ट / नाकारा अफसरों की सांसत में फंसी जान
पुष्कर तेरे राज में ईमानदार अधिकारियों का बढ़ा मान
ओर भ्रष्ट / नाकारा अफसरों की सांसत में फंसी जान
किसी भी प्रदेश के विकास को सुनिश्चित करने के लिए सरकार और अफसरशाही के बीच समन्वय होना एक बुनियादी आवश्यकता है। ये उत्तराखंड का सौभाग्य रहा कि प्रदेश गठन के बाद से राज्य को कई ऐसे अधिकारी मिले जो दिन-रात देवभूमि कि सेवा में समर्पित रहे। लेकिन जैसा कि अक्सर होता ही है, चिराग तले अंधेरा... वैसा ही उत्तराखंड में भी हुआ। ईमानदार और कर्मठ अधिकारियों के साथ साथ प्रदेश के खाते में कुछ ऐसे अधिकारी भी आए जिन्होंने भ्रष्टाचार के मामले में कई कीर्तिमान बनाए। राजनीतिक संरक्षण प्राप्त इन अधिकारियों के लिए जन कल्याण से अधिक आवश्यक अपने आकाओं का कल्याण था। ऐसे अधिकारी उस दीमक की तरह थे जो उत्तराखंड जैसे युवा राज्य की आशाओं और आकांक्षाओं को भीतर ही भीतर खोखला कर रहे थे। ऐसे चुनिंदा अफसरों के कारण राज्...