पूछता है उत्तराखंड – करोड़ों का विज्ञापन दिखता है, लेकिन उससे बढ़ता पर्यटन, रोजगार क्यों नहीं दिखता?
पूछता है उत्तराखंड – करोड़ों का विज्ञापन दिखता है, लेकिन उससे बढ़ता पर्यटन, रोजगार क्यों नहीं दिखता?
उत्तराखंड में विज्ञापन पर हो रहे शोर की असली हकीकत
यह प्रचार नहीं, परिवर्तन की पुकार है — और इस पर सवाल उठाने वाले खुद कठघरे में हैं
जब बात विकास की हो, तो प्रचार ‘पाप’ नहीं ‘प्रयास’ होता है
उत्तराखंड सरकार पर हाल ही में कुछ गुटों ने ये आरोप लगाए हैं कि वह "करोड़ों रुपये विज्ञापनों पर खर्च कर रही है।" लेकिन पूछता है उत्तराखंड क्या कोई सरकार अपने राज्य की योजनाओं, सुरक्षा, पर्यटन, निवेश और संस्कृति को दुनिया के सामने लाने का प्रयास नहीं करेगी*?
पूछता है उत्तराखंड क्या विकास की दिशा में उठाए गए कदमों को जनता तक पहुंचाना गलत है?
जबकि सच्चाई ये है कि इन विज्ञापनों का मकसद सिर्फ छवि निर्माण नहीं, जन-संवाद, जन-जागरूकता और जन-हित है
*योजनाओं की जानकारी, यात्र...
