
यकीनन परेशान करने वाली बात है कि चमोली में आई आपदा को आज आठवां दिन हो गया है। पचास शव बरामद हुए हैं।
देहरादूनः यकीनन परेशान करने वाली बात है कि चमोली में आई आपदा को आज आठवां दिन हो गया है। पचास शव बरामद हुए हैं। और शेष का कोई पता नहीं। संकट में घिरे लोगों के परिजन निराश होने के बाद भी किसी अच्छी खबर का खामोशी के साथ इतंजार रहे हैं। जो स्वाभाविक भी है। लेकिन हैरत है कि व्याकुल परिजनों की खामोशी में भी कुछ लोग गंदी राजनीति के अवसर तलाश रहे हैं। कुछ लोगों द्वारा जो वहां किया जा रहा है उसे कतई घटिया ही कहा जायेगा। इस घटिया स्तर की मानसिकता को ना किसी पर आई विपदा से मतलब है और ना ही किसी राहत से। यह गलत है। वहां राजनीति नहीं बल्कि राहत और बचाव में जुटे जवानों के साथ ही पूरे सिस्टम की हौसलाफजाही होनी चाहिए। जिंदगी की ओर कौन नहीं जाना चाहेगा।
आपदा के मलवे ने वहां हालात बहुत खराब किए हैं, जहां जिंदगी की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। बेहिसाब मलवा टनलों के अलावा हर जगह फैला पड़ा है। मलवा हटाने वाले...