उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आज मौन उपवास पर ..
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लिखते है कि
सत्ता के अहंकार और जुल्म के खिलाफ विपक्ष हो या आम नागरिक हो उसके पास केवल एक हथियार है, सत्याग्रह। गाँधी जी हमको ये रास्ता दिखाकर के गये हैं। दिल्ली के दरवाजे पर हजारों किसान, अपनी जिंदगी को खतरे में डालकर, अपनी खेती व अपने जीवन को बचाने के लिये खड़े हैं। केन्द्र सरकार, उनकी मांग मानने से इनकार कर रही है, 45 किसान अपनी जिंदगी गवा चुके हैं, न जाने और कितने किसानों का बलिदान सत्ता चाहती है! उत्तराखंड से भी हमारे किसान जब आंदोलन में भाग लेने के लिये निकले, तो उन पर नाना प्रकार के अपराधों के मुकदमे दर्ज कर दिये गये हैं, बाजपुर, रूद्रपुर, गदरपुर, किच्छा, सितारगंज, खटीमा, काशीपुर, दिनेशपुर, जसपुर, हल्द्वानी, लालकुआं, कोई हिस्सा खाली नहीं है, जहां से किसान नहीं गये हों दिल्ली की ओर और उन पर मुकदमे न लगा दिये गये हों। हरिद्वार में एक मासूम बच्ची के सा...