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प्रदेश प्रभारी ने कहा— 47 वर्षों के सार्वजनिक जीवन में चरित्र पर कभी सवाल नहीं उठा, पूरे मामले की जांच हो

 

प्रदेश प्रभारी ने कहा— 47 वर्षों के सार्वजनिक जीवन में चरित्र पर कभी सवाल नहीं उठा, पूरे मामले की जांच हो

 

भाजपा उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा आदरणीय बहन भाइयों, आपको सादर नमस्कार। देवभूमि को नमस्कार करता हूँ, नमन करता हूँ। उत्तराखंड के सभी नागरिकों का, बहन भाई सभी का नमन करता हूँ, सम्मान करता हूँ। बंधुओं, मैंने अपने राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक पूर्ण जीवन के अंदर, मैं सैंतालीस वर्ष से लगातार राजनीतिक सामाजिक क्षेत्र में काम कर रहा हूँ। अपने नैतिक मूल्यों को, भारतीय जनता पार्टी की प्रमाणिकता को, समाज में रहने वाली बहन बेटी की इज्जत को सर्वोपरि मानते हुए, आज तक जीवन के अंदर कभी भी ऐसी घटना मेरे चरित्र को लेकर कभी भी नहीं उछाली गयी है। आज बड़ा दु:खी होकर, मैं आपके सामने आ रहा हूँ। जिस प्रकार के कुछ असामाजिक लोग, कल्प प्रवृत्ति के लोग जो मेरी छवि को धूमिल करना चाहते हैं, ऐसा प्रयास कर रहे हैं। ऐसे सभी लोगों को मैं आगाह करना चाहता हूँ। इस प्रकार से मीडिया में, सोशल मीडिया में लगातार ये वीडियो चल रही है, ये जहाँ से शुरू हुई है, उसकी जांच होनी चाहिए, उस व्यक्ति से तथ्य लेने चाहिए, उस तथ्य की प्रमाणिकता देखनी चाहिए। सब चीज के लिए मैं तैयार हूँ, लेकिन जो भी लोग ये भ्रामक, भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं, मेरी छवि को धूमिल करने का काम कर रहे हैं, मैं उनको आगाह करना चाहता हूँ। इसकी सबकी जाँच की जाएगी। मैंने होम सेक्रेटरी को भी लेटर लिखा है, पत्र लिखा है, इन सबकी जाँच भी की जाएगी और मूलतः जिस व्यक्ति ने ये षड्यंत्र रचा है, उसपे कानून कार्यवाही भी की जाएगी और मामला, इनका मुकदमा भी करूँगा। उसके बावजूद भी, मैं जनता और समाज से बोलना चाहूँगा, मेरे विरोध में भी एक भी शब्द, एक भी कोई कार्य ऐसा दिखता हो, उसको सबूत के साथ आप पेश करेंगे तो, मैं अपने राजनीतिक जीवन से भी, समाज से भी, सभी जीवन में संन्यास ले लूँगा। लेकिन ऐसे षड्यंत्र, जो महिला, हमारी बेटी के बार बार, बार बार उसका नाम लेकर, उसको अपमान करने का काम कर रहे हैं, मैं माँ बहन बेटियों का भी ये अपमान है, और मुझे लगता है, हम, मेरा भी चरित्र हंनन करने का काम कर रहे हैं, उनको तैयार रहना चाहिए, जो मेरा मान गिराया गया है, मैं उनके विरुद्ध कार्यवाही करने वाला हूँ..

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