Wednesday, February 5News That Matters

दून में कार्डियोलॉजिस्ट और सर्जन ने मिलकर बचायी एक 7 वर्षीय बालिका की जान

दून में कार्डियोलॉजिस्ट और सर्जन ने मिलकर बचायी एक 7 वर्षीय बालिका की जान


भारत में पहली बार एसी सर्जरी की गई है !
7 वर्षीय बालिका रूद्रपुर निवासी है जिनके बचपन से दिल में छेद था . छेद बंद करने के लिए ऑपरेशन पहले किया गया था, जिससे बालिका ठीक उभर रहीं थी , पर माता पिता ने देखा की बच्ची को सास लेने में तकलीफ़ है , ज़्यादा ऐक्टिव नहीं है और चिड़चिड़ी भी होगयी है !
बच्ची को दुबारा दिखाने पर पता चला कि कम्पलीट हार्ट ब्लॉकेज है , और कई जगह डॉक्टर्स ने केस लेने से मना कर दिया !
तब बालिका को दून हॉस्पिटल के हृदय रोग विभाग लाए और जाँचो के बाद पेसमेकर सर्जरी द्वारा लगाना तय हुआ ।
जो की बहुत चुनौतीपूर्ण था । पारंपरिक पेसमेकर बुजुर्ग patients में लगाया जाता है जिनकी एक्टिविटी भी कम होती है । और बालिका में ज़िंदगी के कई पढ़ाव आयेंगे जैसे किशोरावस्था , प्रेगनेंसी इत्यादि जिनके दौरान दिल की धड़कन तेज होती हैं । इतिहास में भी ऐसी सर्जरी का ज़िकर नहीं है । और यह सर्जरी डॉ अमर upadhyay कार्डियोलॉजिस्ट , डॉ विकास सिंह कार्डियेक सर्जन द्वारा दून अस्पताल में निःशुल्क की गई ।
डॉ अमर ने बताया कि उन्होंने कंडक्शन सिस्टम पासिंग डिस्टल कंडक्शन सिस्टम इनगेज कर के की
और डॉ विकास ने बताया कि मसल में पेसमेकर डिवाइस की पकड़ बनाने के लिए डीप पॉकेट बनाया गया ।

यह भी पढ़ें -  भारत सरकार के स्तर पर केन्द्र के तकनीकी संस्थानों को जोशीमठ के अन्तर्गत आपदाग्रस्त क्षेत्र की अध्ययन रिपोर्ट उपलब्ध कराये जाने हेतु टाईमलाइन दी गयी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *