शिक्षा विभाग में दस हजार पदों पर होगी भर्ती, बोले मंत्री धन सिंह रावत-आयोग को भेजा है प्रस्ताव…..
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शिक्षा विभाग में वित्तीय वर्ष 2024-25 में शिक्षकों और कर्मचारियों के 10 हजार पदों पर भर्ती होगी। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा, विभाग की ओर से इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। प्राथमिक, माध्यमिक शिक्षा एवं समग्र शिक्षा के तहत विभिन्न संवर्ग के इन खाली पदों को भरने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं…
शिक्षा निदेशालय में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक में मंत्री ने अधिकारियों से विभिन्न संवर्ग के खाली पदों का विवरण तलब किया। शिक्षा मंत्री ने कहा, बेसिक से लेकर माध्यमिक तक लगभग 10 हजार पद खाली हैं। इन पदों को वित्तीय वर्ष 2024-25 में भरने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को खाली पदों की सेवा नियमावली के अनुरूप भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं ताकि प्रदेश के अधिक से अधिक बेरोजगारों को रोजगार दिया जा सके।….
शिक्षा मंत्री ने कहा, केंद्र सरकार के सहयोग से संचालित समग्र शिक्षा के तहत प्रदेशभर में विभिन्न श्रेणी के 1580 पद खाली हैं, जिनमें बीआरपी-सीआरपी के 955 पद, रिसोर्स पर्सन आईईडी के 161 एवं लेखाकार कम सर्पोटिंग स्टॉफ के 363 पदों को भरा जाना हैं। इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इसी तरह माध्यमिक शिक्षा के तहत प्रवक्ता के 613 एवं सहायक अध्यापक एलटी के 1595 पदों पर भर्ती का प्रस्ताव आयोग को भेजा जा चुका है। जबकि प्राथमिक शिक्षा के तहत लगभग 3604 प्राथमिक शिक्षकों के पद खाली हैं..
शिक्षा मंत्री ने कहा, चतुर्थ श्रेणी के लगभग 2500 पदों पर आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती की जाएगी। इसके लिए जैम के माध्यम से आउटसोर्स एजेंसी की चयन प्रक्रिया चल रही है। चतुर्थ श्रेणी के पदों पर संबंधित ब्लॉक के अभ्यर्थियों को ही मौका दिया जाएगा। इसके लिए अभ्यर्थियों का पंजीकरण संबंधित जनपद के सेवा योजना कार्यालय में होना आवश्यक है।….
डॉक्टर रावत ने बताया कि शिक्षा विभाग के तहत कनिष्ठ सहायक के खाली 105 पदों पर मृतक आश्रितों को नियुक्ति दी जाएगी। बैठक में विभागीय मंत्री ने विभागीय बजट, कलस्टर विद्यालय, पीएम-श्री स्कूल एवं डी श्रेणी में चयनित विद्यालय भवनों के निर्माण संबंधी प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए निर्माण कार्यों एवं अन्य मदों में स्वीकृत बजट को शत-प्रतिशत खर्च किया जाए