बिग ब्रेकिंग पुष्कर राज में जीरो टॉलरेंस अधिकारी निधि यादव की डीपीसी पर रोक…. जांच जारी….
आय से अधिक संपत्ति मामले में जहां एक तरफ आईएएस अधिकारी रामविलास यादव जेल की दीवारों में कैद कर दिया गया जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की कार्यशैली की चारों और खूब प्रशंसा जमकर हुई मुख्यमंत्री धामी ने मुख्यमंत्री बनते ही भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसनी शुरू कर दी चाहे वो विधानसभा भर्ती प्रकरण पर अपना पत्र विधानसभा अध्यक्ष को उचित कार्रवाई करने हेतु लिखा गया हो..
या फिर नौकरी घोटाला हो या UKSSSC में बड़े बड़े माफ़ियाओ को जेल का रास्ता दिखाना
धामी सरकार का हंटर यही तक नहीं रुका, सरकार ने सख़्त नक़ल क़ानून बनाकर भ्रष्टाचारियों को सीधे रूप से संदेश दे दिया कि अगर किसी ने भी हरकत की तो उसकी जगह सिर्फ़ जेल में होगी इसी क्रम में उत्तराखंड के कुछ और अधिकारी भी विजिलेंस के टारगेट पर है जिन्होंने भ्रष्टाचार के दम पर अकूत संपत्ति कमा डाली है ऐसा भी गठजोड़ का मामला जो सामने आता रहा है सूत्र बताते हैं कुछ भ्रष्टाचारी अधिकारियों ने मिलकर एक भ्रष्ट रिपोर्ट को ही ग़ायब करा दिया
मतलब कुछ अधिकारी आय से अधिक मामले में भ्रष्टाचारियों को बचाने का काम कर रहे हैं और उनकी जांच की फाइल ही गायब कर विजिलेंस टीम को मुँह चिड़ा रहे थे… जो अब धामी सरकार की नजर में ..
उत्तराखंड की महिला अधिकारी निधि यादव का तो विवादों से पुराना नाता है!
आपको बता दें मैडम साहिबा पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनकी जांच हुई जिसमें पता चला मैडम अपनी आय से कई अधिक संपत्ति की मालकिन है!
और तो और विजिलेंस के द्वारा शासन से इनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी गई लेकिन वह फाइल आज तक दबी हुई है.. सूत्र कहते हैं इसे धामी सरकार बाहर निकालने जा रही..
अब आपको थोड़ा विस्तार से बताते हैं क्या है मामला शुरुआत से
निधि यादव पीसीएस अधिकारी और निवेशक मंडी परिषद रुद्रपुर उधम सिंह नगर के पद पर थी..
सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी के द्वारा जिसमें लिखा गया है कि निदशक सतर्कता निदेशालय उत्तराखंड के पत्र 315 2018 एवं उपमहानिरीक्षक सतर्कता निदेशालय के पत्र दिनांक 21 12 2019 का संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें जिसके माध्यम से आप के विरुद्ध उत्तराखंड प्रदेश में विभिन्न पदों पर नियुक्ति के दौरान पद का दुरुपयोग करते हुए भ्रष्टाचार के माध्यम से आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोपों के संबंध में गोपनीय जांच आख्या प्रेषित करते हुए आपके विरुद्ध खुली जांच की संस्तुति की गई है इस संबंध में कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग 5 उत्तराखंड शासन के माध्यम से प्राप्त निदेशक सतर्कता निदेशालय उत्तराखंड के पत्र 31/5 /2018 एवं गोपनीय जांच आख्या दिनांक 21-12-2019 प्रति इस आशय के साथ संघ में प्रेषित की जा रही है कि प्रकरण के संबंध में अपना पक्ष प्राथमिकता के आधार पर 1 सप्ताह के भीतर शासन को उपलब्ध कराने का कष्ट करें
अब 31/ 5 /2018 को इस संबंध में गोपनीय जांच शुरू होती है जिसमें पाया जाता है कि निधि यादव के द्वारा उनके और उनके परिवारिक सदस्यों के नाम कई संपत्तियों का खुलासा हुआ है और लाखों की धनराशि उनके द्वारा बैंक ऑनलाइन और चेक के माध्यम से ट्रांसफर की गई है इस संबंध में विजिलेंस ने शासन को पत्र लिखकर मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी थी.. जिस पर कभी भी बड़ा अपडेट आ सकता है..
माना जा रहा है कि इस मामले में अब जल्द ही जांच पूरी होने जा रही है और धामी सरकार किसी भी वक्त कोई बड़ा निर्णय लेते हुए इस अधिकारी के खिलाफ एक्शन ले सकती है….
वही उत्तराखंड में कल हुए पीसीएस से आईएएस संवर्ग में प्रमोशन के लिए 5 वरिष्ठ पीसीएस अफसरों की डीपीसी सीएसआईआर में सम्पन्न हो गई है।जबकि पीपीएस से आईपीएस में प्रमोशन के लिए 3 अफसरों के नाम पर मोहर लग गई है। 2005 बैच के अफसर कप्तान चमोली प्रमेंद्र सिंह डोबाल एसपी देहात देहरादून कमलेश उपाध्याय व ममता बोहरा के नाम पर डीपीसी समिति ने मोहर लगा दी है
जबकि मुख्यमंत्री धामी के निर्देश के बाद व निधि यादव पर चल रही जांच के कारण उनकी डीपीसी को रोक दिया गया है…. जो अपने आप में धामी सरकार जीरो टॉलरेंस की बात को सच साबित करता हुआ नजर आ रहा है… और आगे बढ़े निर्णय लिए जा सकते हैं … जो . चौकानेवाले भी होंगे… मतलब भ्रष्टाचार पर धामी का प्रहार जारी रहेगा..