पूछता है उत्तराखण्ड : सहकारिता भर्ती घोटाला में सिर्फ अधिकारियों की ही कुर्सी क्यो बदली?? मंत्री धन सिंह रावत क्या देगे इस्तीफा ??

पूछता है उत्तराखण्ड :
सहकारिता भर्ती घोटाला में सिर्फ अधिकारियों की ही कुर्सी क्यो बदली?? मंत्री धन सिंह रावत क्या देगे इस्तीफा ??

देहरादून।
उत्त्तराखण्ड के और भर्ती घोटाले के बाद बैकफुट पर आए सरकार ने आठ अधिकारियों को इधर से उधर कर दिया है।
सहकारी बैंक में 423 पदों पर चतुर्थ श्रेणी पदों पर हुई नियुक्ति के मामले में भारी गड़बड़ी पकड़े जाने पर विपक्षी हमले के बाद प्रदेश सरकार को विशेष मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। सहकारिता सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने बुधवार को जारी आदेश में चार महाप्रबन्धक व चार जिला सहायक निबंधक की कुर्सी बदल दी।
देहरादून, यूएसनगर, और पिथौरागढ़ में हुई भर्तियों में गड़बड़ी का पता लगने के बाद यह एक्शन लिया गया। भर्ती घोटाले की जांच उप निबंधक नीरज बेलवाल कर रहे हैं। बेलवाल ने सभी रिकॉर्ड अपने कब्जे में ले लिए हैं। जांच के बाद दोषियों से पूछताछ होगी।
भाजपा सरकार के इस सहकारिता भर्ती घोटाले में कई अफसरों व सफेदपोश लोगों के नाम सामने आ रहे हैं। अगर जांच सही ढंग से हुई तो कई लोग फंस सकते हैं।

 

शासन स्तर पर हुए एक्शन में इन अधिकारियों को इधर से उधर किया गया, देखें
जीएम पिथौरागढ़ सुरेंद्र कुमार प्रभाकर, जीएम यूएसनगर रामअवध, जीएम अल्मोड़ा नरेश कुमार को मुख्यालय अटैच कर दिया गया है। टिहरी के जीएम को देहरादून, नैनीताल के जीएम को अल्मोड़ा का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है। यूएसनगर और पिथौरागढ़ में डीजीएम को जीएम का चार्ज दिया गया।
डीसीबी देहरादून की जीएम वंदना श्रीवास्तव का सेवा विस्तार समाप्त कर दिया गया।वंदना का कार्यकाल 30 सितम्बर 2021 को समाप्त हो गया था। लेकिन 31 मार्च 2022 तक छह महीने का एक्सटेंशन दिया गया था। इस सेवा विस्तार को नियमों के विपरीत दूसरी बार बढ़ाया गया था।
आदेश के अनुसार चार जिलों के सहायक निबंधकों को हटा दिया गया है।
देहरादून के एआर एडीसीईओ भारत सिंह से उनका चार्ज हटा दिया गया है। हरिद्वार के सहायक निबंधक राजेश चौहान को देहरादून, सुरेंद्र पाल को पिथौरागढ़ से हरिद्वार, हरीश चंद्र खंडूडी को अल्मोड़ा से चंपावत, मनोहर सिंह मर्तोलिया को चंपावत से पिथौरागढ़ ट्रांसफर किया गया।
बहराल हर कोई यही कह रहा है कि इस प्रकरण के बाद क्या सहकारिता मंत्री धनसिंह रावत इस्तीफा देंगे ?? जब तक जांच चल रही है
और आखिर क्यों नहीं इस पूरे प्रकरण में एस आई टी की जांच कराई जाती
इस सवाल को लगातार विपक्ष भी उठा रहा है
हालांकि सूत्र बताते हैं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी चाहते हैं कि इस पूरे मामले में एसआईटी की जांच हो
लेकिन कुछ सफेदपोश यहां पर दबाव बनाने खेल खेल रहे है बाकी आगे देखना होगा होता क्या है इस पुरे प्रकरण पर

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