उत्तराखंड:के इस जिले में पहली बार शुरू होगी चाय की खेती
टिहरी गढ़वाल जिले में पहली बार चाय की खेती शुरू की जाएगी। उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड टिहरी जिले के नरेंद्रनगर क्षेत्र से चालू वित्तीय वर्ष में इसकी शुरुआत करेगा। भू-परीक्षण में यहां की भूमि चाय उत्पादन के लिए मुफीद पाई गई है।
उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड स्थापना के बाद से प्रदेश के आठ पर्वतीय जिलों में अल्मोड़ा, नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत, पिथौरागढ़, चमोली, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग जिले में कुल 1394 हेक्टेयर क्षेत्र में चाय बागान विकसित कर चुका है। इन जिलों में चाय की खेती से 3916 ग्रामीणों को रोजगार भी उपलब्ध करा रहा है। बोर्ड अब टिहरी जिले में भी चाय की खेती की शुरुआत करने जा रहा है। बोर्ड के वित्त अधिकारी अनिल खोलिया ने बताया कि टिहरी जिले में नरेंद्रनगर से चाय की खेती की शुरुआत की जाएगी। आगामी पांच साल में टिहरी जिले में 60 हेक्टेयर क्षेत्र में चाय पौध रोपण किया जाएगा। चाय बागान से जहां किसानों की स्थिति सुधरेगी वहीं पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
चालू वित्तीय वर्ष में 1.05 लाख किग्रा चाय उत्पादन का लक्ष्य
अल्मोड़ा। चाय विकास बोर्ड ने पिछले वित्तीय वर्ष में 90 हजार किलोग्राम चाय का उत्पादन किया। वर्ष 2021-22 में बोर्ड ने एक लाख पांच हजार किलो चाय उत्पादन का लक्ष्य रखा है। बोर्ड की चाय की खुदरा बिक्री बढ़ाने की योजना है। इसके लिए विपणन बोर्ड के माध्यम से चाय की बिक्री की जाएगी।
35 लाख पौधों की होगी नर्सरी तैयार
चाय विकास बोर्ड मनरेगा योजना के अंतर्गत प्रदेश के पहाड़ी जिलों में 45 लाख पौधों की नर्सरी तैयार करेगा।