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उत्तराखंड: कांवड़ यात्रा पर संकट के बादल, कोरोनो को देखते हुए शुरू हुआ विरोध आईएमए ने सीएम को लिखा पत्र, किसी भी हालात में न हो कांवड़ यात्रा

आईएमए ने अपने पत्र में लिखा है कि तीसरी लहर देश में दस्तक देने वाली है। कोरोना की पहली लहर के बाद कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया। जिस वहज से कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक साबित हुई।


इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) उत्तराखंड ने कांवड़ यात्रा को मंजूरी न देने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा है।

 

उत्तराखंड: कांवड़ यात्रा पर संकट के बादल, कोरोनो को देखते हुए शुरू हुआ विरोध शुरू

 

आईएमए ने अपने पत्र में लिखा है कि तीसरी लहर देश में दस्तक देने वाली है। कोरोना की पहली लहर के बाद कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं किया। जिस वहज से कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक साबित हुई।

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अपनी पिछली विफलता से सीखते हुए हमें कांवड़ भक्तों को राज्य की सीमाओं में प्रवेश नहीं करने देना चाहिए और उत्तराखंड को कोविड की तीसरी लहर से सुरक्षित रखना चाहिए। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने में हमारी लापरवाही पर चिंता प्रकट की है।

 

लोगों का जीवन हमारे लिए सर्वोपरि: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा को लेकर रविवार को कहा था कि बात आस्था की है, लेकिन लोगों की जिंदगी भी दांव पर है। भगवान को भी यह अच्छा नहीं लगेगा यदि लोग कांवड़ यात्रा के कारण कोविड से अपनी जान गंवाते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 30 जून की कैबिनेट की बैठक में फैसला किया था कि इस साल कांवड़ यात्रा नहीं होगी। कांवड़ यात्रा आस्था से जुड़ी है। फिर भी हम सोच रहे हैं कि अगर कोई गुंजाइश है तो उस बारे में हम उच्चस्तरीय बैठक करेंगे। लेकिन लोगों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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उन्होंने कहा कि हम सिर्फ मेजबान राज्य हैं। 15 दिनों में तीन करोड़ से अधिक कांवड़िये राज्य का दौरा करते हैं। बात आस्था की है, लेकिन लोगों की जिंदगी भी दांव पर है। लोगों का जीवन बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है।

किसी भी कीमत पर लोगों को जान का खतरा न हो, किसी की भी जान जाए। जान बहुत कीमती है और हम किसी भी जान को खतरा नहीं होने देंगे।

 

सीमित संख्या में दें बाहरी श्रद्धालुओं को प्रवेश
एक तरफ जहां व्यापारी चारधाम और कांवड़ यात्रा खोलने की मांग के लिए आंदोलन कर रहे हैं, वहीं, दूसरी तरफ हरिद्वार मशाल संगठन ने धर्मनगरी में बाहरी श्रद्धालुओं को समिति संख्या में प्रवेश देने की मांग की है। संगठन ने कहा है कि बाहरी यात्री तीर्थनगरी का माहौल बिगाड़ रहे हैं और कोरोना संक्रमण को भी बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसे में उन्हें बॉर्डर पर कोरोना टेस्टिंग के बाद ही अनुमति देने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।

श्रवणनाथ नगर में हुई संगठन की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर मनोज कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने लंबे समय से स्थानीय लोगों को कभी लॉकडाउन तो कभी कोविड कर्फ्यू करके कैद करके रखा है। इससे शहर के व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है, लेकिन बाहरी लोग बे-रोक टोक गंगा घाटों पर पहुंचकर तीर्थनगरी की मर्यादा को तार-तार कर रहे हैं।

इससे विश्वभर में गलत संदेश जा रहा है। महासचिव कुलदीप सिंह ने कहा कि अनाधिकृत रूप से प्रवेश करके बाहरी लोग स्थानीय व्यवस्थाओं को बिगाड़ रहे हैं। संगठन ने पांच से 10 हजार लोगों को कोरोना टेस्टिंग के बाद प्रवेश देने की मांग उठाई है।

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कहा कि अगर प्रशासन ने ऐसा नहीं किया तो धर्मनगरी के लोगों को कोरोना काल में भयंकर महामारी से जूझना पड़ सकता है।

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