प्रदर्शन तो बहुत देखें होंगें लेकिन ऐसा विरोध प्रदर्शन शायद ही कहीं देखा हो जहां अपना विरोध प्रकट करने के लिए साफ सफाई के साथ लोगों को जागरूक किया जा रहा है, जी हां
कोविड काल मे जिन डॉक्टरों ने अपनी जान पर खेल कर लोगों की जान बचाई वही डॉक्टर आज वेतन की अपनी मांग को लेकर आंदोलन करने पर मजबूर हैं, पौड़ी जिले के श्रीनगर में डॉक्टरों ने झाड़ू लगाकर साफ सफाई के साथ लोगों को तीसरी लहर के बारे में जागरूक कर अनोखा प्रदर्शन किया।डॉक्टरों का कहना है कि राज्य सरकार ने पिछले 10 सालों से उनका वेतन नही बढ़ाया है जबकि एंट्रेंस डॉक्टरों को मात्र 7500 रुपये दिए जाते हैं।
सरकार से बेतन बढ़ाने को लेकर गुस्साए डॉक्टरों ने अपना रोष व्यक्त करतें हुए बेस अस्पताल में कार्य बहिष्कार के साथ-साथ जागरूकता अभियान चलाया जिसमें नाराज एंट्रेंस डॉक्टरों ने लोगों को कोबिट के तीसरी लहर से लड़ने के बारे में बताया और साथ ही स्वच्छता अभियान भी चलाया।
राज्य सरकार से गुहार लगाते डॉक्टर अपनी वेतनमान की समस्या को लेकर दिन प्रति दिन गुस्साए जा रहे है | डाक्टर का कहना है राज्य सरकार उनको जो वेतनमान के तोर पर दे रही है वह पर्याप्त नही है | एंट्रेंस डॉक्टरों को महीने का मात्र 7500 रुपये दिया जा रहा है जिसको लेकर डॉक्टरों में काफी अशांति हैं
कोविड-19 मैं जहां एंट्रेंस डॉक्टरों ने अपनी परवाह न करते हुए दिन रात अपने कार्य को जिस प्रकार से किया उसका परिणाम हम सभी के समक्ष है। एंट्रेंस डॉक्टरों का कहना है कि सरकार को हमारी मानदेय को बढ़ाने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने होंगे। डॉक्टरों का कहना यह भी है की अंतिम बार मानदेय मैं बढ़ोतरी दस वर्ष पहले हुई थी मानदेय बढ़ोतरी के संबंध में डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, कुलपति, जिले के जिलाधिकारि को पत्र भी भेजा गया है।