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प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि नैनी सैनी एयरपोर्ट के विकास से रणनीतिक हिमालयी क्षेत्र में आपदा-प्रतिक्रिया क्षमताओं को भी सुदृढ़ किया जा सकेगा।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि नैनी सैनी एयरपोर्ट के विकास से रणनीतिक हिमालयी क्षेत्र में आपदा-प्रतिक्रिया क्षमताओं को भी सुदृढ़ किया जा सकेगा।

 

 

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में आज भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) और उत्तराखंड सरकार के बीच पिथौरागढ़ स्थित नैनी सैनी हवाई अड्डे के अधिग्रहण के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह ऐतिहासिक समझौता उत्तराखंड के पर्वतीय अंचल में सुगम, सुरक्षित और टिकाऊ हवाई संपर्क की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

नैनी सैनी हवाई अड्डे का कुल क्षेत्रफल लगभग 70 एकड़ है। यहां का टर्मिनल भवन व्यस्त समय में 40 यात्रियों को सेवा प्रदान करने में सक्षम है। साथ ही, एप्रन एक समय में दो विमानों (कोड-2B) को समायोजित करने की सुविधा से सुसज्जित है।

इस अधिग्रहण से हवाई अड्डे के मौजूदा बुनियादी ढांचे का उन्नयन, परिचालन मानकों का सुव्यवस्थित प्रबंधन, तथा उत्तराखंड की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार होगा।

नैनी सैनी हवाई अड्डे का विकास प्रदेश की स्थानीय कला, सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन क्षेत्र को नया प्रोत्साहन देगा। इससे व्यापार, तीर्थ पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आतिथ्य क्षेत्र में नए अवसर खुलेंगे तथा स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए आयाम सृजित होंगे।

इस पहल से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सुगम्य और टिकाऊ विमानन अवसंरचना के दृष्टिकोण को बल मिलेगा और इस रणनीतिक हिमालयी क्षेत्र में आपदा-प्रतिक्रिया क्षमताओं को भी सुदृढ़ किया जा सकेगा।

यह समझौता उत्तराखंड को विकास की नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध होगा।

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