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देवभूमि उत्तराखंड के लोकगायक, लोकनृत्य और लोककला हमारे पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर की पहचान हैं : धामी

देवभूमि उत्तराखंड के लोकगायक, लोकनृत्य और लोककला हमारे पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर की पहचान हैं : धामी

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्यमंत्री आवास में लोकगायक फौजी ललित मोहन जोशी के गीतों की एल्बम “मानसखंड” का विमोचन किया।

इस अवसर पर गीतकार हेमंत बिष्ट एवं संगीतकार संजय कुमोला सहित पूरी टीम मौजूद रही। मुख्यमंत्री ने सभी कलाकारों को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने तथा नई पीढ़ी तक पहुँचाने का यह सराहनीय प्रयास है।

सीएम ने कहा कि लोकगीत हमारी सभ्यता और संस्कृति की आत्मा हैं। “मानसखंड” जैसी कृतियाँ न केवल हमारी समृद्ध परंपरा को जीवित रखती हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा और सांस्कृतिक चेतना का संचार भी करती हैं।

मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड की लोक संस्कृति और लोककला को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। देवभूमि उत्तराखंड के लोकगायक, लोकनृत्य और लोककला हमारे पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर की पहचान हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि “मानसखंड” एल्बम जन-जन तक पहुँचेगी और सांस्कृतिक चेतना को और मजबूती प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को भी लोक संस्कृति और परंपराओं से जोड़ने के लिए ऐसे प्रयास अत्यंत आवश्यक हैं। सरकार की भी कोशिश है कि स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान कर उनकी प्रतिभा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिले।

कार्यक्रम में उपस्थित लोकगायक फौजी ललित मोहन जोशी ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह उनके लिए गौरव का क्षण है कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के उनके प्रयास को मुख्यमंत्री ने सम्मान प्रदान किया।

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इस अवसर पर सांस्कृतिक और कला जगत से जुड़े कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।


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