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गुंडा एक्ट के तहत पहली बार सीधे जिलाधिकारी ने संभाली कमान, कहा – असहाय विधवा महिला की सुरक्षा सर्वोपरि, न्यायालय की देहरी तक पहुँचने से पहले ही कलेक्ट्रेट बना न्याय का मंदिर

 

गुंडा एक्ट के तहत पहली बार सीधे जिलाधिकारी ने संभाली कमान, कहा – असहाय विधवा महिला की सुरक्षा सर्वोपरि, न्यायालय की देहरी तक पहुँचने से पहले ही कलेक्ट्रेट बना न्याय का मंदिर

 

 

 

 

 

 

 

 

 

देहरादून दिनांक 25 अगस्त 2025; जिलाधिकारी कार्यालय कक्ष में विधवा महिला विजय लक्ष्मी पंवार पत्नी रव० मोहन सिंह पंवार, निवासी भागीरथपुरम, बंजारावाला ने जिलाधिकारी सविन बंसल से गुहार लगाई कि एक विधवा गरीब महिला है, उसके दोनो पुत्र, नशे के आदी व बिगड़े गडे हुये है और उन्हें मारते-पीटते है एवं हर समय पैसो की मांग करते है। कई बार उन्हें पुलिस एवं पार्षद ने भी समझाया, लेकिन वह सुधरने के बजाये और भी बिगड गये है। उनके पुत्र क्या करते हैं उन्हें नहीं पता है। लेकिन जब वह कभी 2 व 3 दिन में या कभी आधी रात में घर आते है और हर समय अफीम / गांजा / शराब व आदि के नशे में रहते है तो फिर अपनी माँ की पिटाई कभी डंडो से तो कभी हाथ-पैर से करते है व सिर्फ पैसा मांगते रहते है। अब तो न्होंने मुझे जान से मारने की धमकी दे दी है, जिससे में विधवा महिला अत्यधिक डरी हुई है। महिला को डर है कि उनके पुत्र उन्हें झोपडे में ही जान से मार सकते है।

 

*विगत दिवस कलेक्ट्रेट में एक मामला सामने आया जहां क्रूर बिगड़ैल गुंडे बेटे, विधवा मां विजयलक्ष्मी, और डीएम देहरादून हैं। 2 जवान बिगडै़ल बेटों ने विधवा मां का जीवन नरक बना दिया, मामला सामने आते ही गुंडा एक्ट में डीएम की विशेष शक्ति गई भड़क तथा जिले में पहली बार थाना रिपोर्ट, कचहरी वकील को दरकिनार कर गुंडा रूल्स 1970 नियामक की अनन्य शक्ति को किया क्रियान्वित करते हुए दोनों बेटों को नोटिस तामील कर दिए गए। जब स्वयं व्यथित माता ही लगा रही मोहर तो क्या जटिलता और क्या नियमों की रार, जरूरी है दुष्कर प्रक्रिया का परिहार, असहाय विधवा माता की सुरक्षा थी सर्वोपरि मानते हुए डीएम ने कानूनी जटिल प्रक्रिया को किया अतिक्रमित करते हुए गुंडा एक्ट में वाद दर्ज कर दिया है जिस पर फास्ट ट्रैक सुनवाई दो दिन बाद है। जिला प्रशासन आम जन का विश्वास भरण पोषण से लेकर प्रताड़ित व शोषण के मामलों पर फास्ट्रेक सुनवाई, निर्णय साक्षात हो रहे हैं।

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जिलाधिकारी ने प्रकरण पर उसी दिन गोपनीय जांच करवाई तो स्थानीय लोगों, पड़ोसियों, जनप्रतिनिधियों मैं भी पुष्टि की है कि से प्रार्थिनी के दोनों पुत्रों शुभम पंवार व आये दिन अपनी माता जी के साथ मार-पीट करते रहते हैं तथा नशे के आदि होने के कारण पैसे की मांग तथा जान से मारने की धमकी देते हैं। गोपनीय इंक्वायरी ऑफिसर ने स्पष्ट किया कि “आवश्यक प्रतीत होता है कि दोनों पुत्रों को प्रार्थिनी से दूर रखा जाये” ।

 

जिलाधिकारी उसी दिन 2 घंटे के भीतर दोनो पुत्रों के विरूद्ध गुण्डा अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गई है। नोटिस के द्वारा दोनों पुत्रों को इत्तला दी गई है कि वे 26.08.2025 को पूर्वान्ह 10:30 बजे न्यायालय में स्वय अथवा द्वारा अधिवक्ता उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करें। तथा यदि वह निर्दिष्ट समय भीतर कोई स्पष्टीकरण, उत्तर या सूचना नहीं देते तो तद्नुसार फास्ट ट्रैक प्रकरण निर्मित कर दिया जाएगा।

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