बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में होगी अब नई सुरक्षा व्यवस्था, शासन से मिली मंजूरी, पढ़ें पूरी खबर
धामी सरकार ने बदरी केदार मंदिर समिति में सुरक्षा संवर्ग के लिए पदों के सृजन की अनुमति दे दी है
सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद बदरी-केदार मंदिर समिति के पास अब दर्शन व्यवस्था से लेकर सुरक्षा का सभी जिम्मा भी होगा, एक डीएसपी रैंक का अधिकारी सुरक्षा का जिम्मा संभालेगा. जिसकी मांग लंबे समय से हो रही थी
बदरी केदार मंदिर समिति अर्ध सैनिक बलों से डीएसपी रैंक के अधिकारी को प्रतिनियुक्ति पर तैनात करेगी और उसके नीचे 57 आउटसोर्स सुरक्षा कर्मियों को मंदिर और उसके खजाने की सुरक्षा में लगाया जाएगा
उत्तराखंड शासन ने बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति यानी बदरी केदार मंदिर समिति के उस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है
बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने इस लिए धामी सरकार का आभार व्यक्त किया है पढ़िए पूरी ख़बर..
बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि बीकेटीसी सुरक्षा संवर्ग का प्रमुख मुख्य मंदिर सुरक्षा अधिकारी का पद होगा
मुख्य मंदिर सुरक्षा अधिकारी के नीचे दो मंदिर सुरक्षा अधिकारियों के पद सृजित किये गए हैं, जो पुलिस से इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी लिए जायेंगे और इनके नीचे सब इंस्पेक्टर रैंक के चार उप मंदिर सुरक्षा अधिकारी होंगे
आउटसोर्स के माध्यम से 10 मुख्य मंदिर रक्षक और 40 मंदिर रक्षकों की नियुक्ति की जाएगी: अजेंद्र अजय
आईटी संवर्ग के लिए भी शासन ने बीकेटीसी में सहायक प्रोग्रामर का एक पद सृजित किया है. इस पर नियत मानदेय पर नियुक्ति की जायेगी
बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सुरक्षा संवर्ग और आईटी संवर्ग में पद सृजन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है
बीकेटीसी का अपना सुरक्षा संवर्ग होने से मंदिरों में दर्शन व्यवस्था को और अधिक सुव्यवस्थित किया जा सकेगा.: अजेंद्र अजय
ई-ऑफिस, ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग होने से कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी: अजेंद्र अजय
बदरीनाथ व केदारनाथ के अलावा अन्य अधीनस्थ मंदिरों में भी सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे. आईटी संवर्ग में पदों के सृजन से विभिन्न व्यवस्थाओं में सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग होगा
धामी सरकार ने बदरी केदार मंदिर समिति में सुरक्षा संवर्ग के लिए पदों के सृजन की अनुमति दे दी है. सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद बदरी-केदार मंदिर समिति के पास अब दर्शन व्यवस्था से लेकर सुरक्षा का सभी जिम्मा भी होगा. साथ ही एक डीएसपी रैंक का अधिकारी सुरक्षा का जिम्मा संभालेगा. जिसकी मांग लंबे समय से हो रही थी.
देहरादून (उत्तराखंड): बदरी केदार मंदिर समिति ने बदरीनाथ
और केदारनाथ धाम की सुरक्षा के लिए अलग से सुरक्षा संवर्ग की व्यवस्था की है. बदरी केदार मंदिर समिति अर्ध सैनिक बलों से डीएसपी रैंक के अधिकारी को प्रतिनियुक्ति पर तैनात करेगी और उसके नीचे 57 आउटसोर्स सुरक्षा कर्मियों को मंदिर और उसके खजाने की सुरक्षा में लगाया जाएगा.
उत्तराखंड शासन ने बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति यानी बदरी केदार मंदिर समिति के उस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है, जिसमें मंदिर समिति द्वारा अलग से सुरक्षा संवर्ग की मांग की गई थी. उत्तराखंड शासन से संस्कृति व धर्मस्व सचिव हरिचंद्र सेमवाल की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए दिए हैं. वहीं बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने इसके लिए उत्तराखंड सरकार का आभार व्यक्त किया है
बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि बीकेटीसी सुरक्षा संवर्ग का प्रमुख मुख्य मंदिर सुरक्षा अधिकारी का पद होगा और यह पुलिस के डीएसपी रैंक का अधिकारी होगा. जिसे नागरिक पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र बल या फिर अर्ध सैनिक बल से प्रतिनियुक्ति के आधार पर रखा जाएगा. मुख्य मंदिर सुरक्षा अधिकारी के नीचे दो मंदिर सुरक्षा अधिकारियों के पद सृजित किये गए हैं, जो पुलिस से इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी लिए जायेंगे और इनके नीचे सब इंस्पेक्टर रैंक के चार उप मंदिर सुरक्षा अधिकारी होंगे. ये सभी पद सरकार से प्रतिनियुक्ति से भरे जाएंगे. इसके अलावा आउटसोर्स के माध्यम से 10 मुख्य मंदिर रक्षक और 40 मंदिर रक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. इसके अलावा आईटी संवर्ग के लिए भी शासन ने बीकेटीसी में सहायक प्रोग्रामर का एक पद सृजित किया है. इस पर नियत मानदेय पर नियुक्ति की जायेगी.
बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सुरक्षा संवर्ग और आईटी संवर्ग में पद सृजन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि बीकेटीसी का अपना सुरक्षा संवर्ग होने से मंदिरों में दर्शन व्यवस्था को और अधिक सुव्यवस्थित किया जा सकेगा. बदरीनाथ व केदारनाथ के अलावा अन्य अधीनस्थ मंदिरों में भी सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे. आईटी संवर्ग में पदों के सृजन से विभिन्न व्यवस्थाओं में सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग होगा. ई-ऑफिस, ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग होने से कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी.