शिक्षा के सौदागरों को जेल में डालेंगे धामी, बनने लगी है फ़ाइल , अब एक-एक कर सबका आएगा नंबर…

मुख्यमंत्री धामी ने अशासकीय विद्यालयों में भर्ती की एसआईटी जांच के दिए आदेश पढ़े पूरी ख़बर…

पौड़ी जनपद के अशासकीय विद्यालयों में नियुक्तियों में गड़बड़ी की है शिकायत, मुख्यमंत्री ने दिए एसआईटी जांच के आदेश

मुख्यमंत्री धामी ने पौड़ी जिले के अशासकीय विद्यालयों में लिपिक एवं शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी की शिकायत पर एसआईटी जांच के निर्देश दिए

अशासकीय विद्यालयों मे हर जगह गड़बड़ी, हर कोई खा रहा है मलाई, अब मुख्यमंत्री धामी ने दिए यहा
एसआईटी जांच के आदेश

पौड़ी जिले के शिक्षा माफियाओ का धामी करेंगे अंत, एसआईटी जांच के आदेश तो अभी शुरुआत है, पिक्चर पूरी बाकी है..

शिक्षा के सौदागरों को जेल में डालेंगे धामी, बनने लगी है फ़ाइल , अब एक-एक कर सबका आएगा नंबर…


धामी राज में शिक्षा के सौदागरों पर कसेगा का शिकंजा , सलाखों के पीछे होंगे धांधली बाज….

शिक्षा को व्यापार बनाने वालों अब तुम्हारा नंबर आ गया, जेल जाने को हो जाओ तैयार, खुलना लगी हे फ़ाइल तुम्हारी…..

धुल लगी फाइलों को धामी ने खोज निकाला है, लैंड जिहाद और धर्मांतरण कानून के बाद, शिक्षा माफिया पर कसेगा शिकजा…

होशियार, सावधान,खुद कबूल लो अपने अपराध, शिक्षा मे तुमने अगर किया है भ्रष्टाचार…

 

अशासकीय विद्यालयों में गड़बड़ी करने वालों की अब खैर नहीं, प्यादों के साथ राजा को भी भेजेंगे धामी सलाखों के पीछे…

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पौड़ी जिले के अशासकीय विद्यालयों में लिपिक एवं शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी की शिकायत पर एसआईटी जांच के निर्देश दिए हैं। सीएम ने शिक्षा सचिव को दिए निर्देश में कहा कि जांच कर मामले में कार्रवाई की जाए।पौड़ी निवासी राजेश सिंह ने मुख्यमंत्री से की शिकायत में कहा कि जिले के कुछ अशासकीय विद्यालयों में वित्तीय अनियमितता के साथ ही नियुक्तियों में गड़बड़ी की गई है। शिक्षा विभाग ने इस मामले की जांच कराने के बाद 4 अक्तूबर 2023 को एसआईटी से जांच कराने की सिफारिश करते हुए इससे जुड़े अभिलेख शासन को भेजे थे, लेकिन शासन स्तर से इस प्रकरण में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मुख्यमंत्री से की शिकायत में कहा गया है कि प्रकरण की एसआईसी से जांच कराई जाए। शिकायती पत्र में यह भी कहा गया कि तत्कालीन अपर निदेशक प्रारंभिक शिक्षा वीएस रावत प्रकरण की जांच कर चुके हैं।

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जांच रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि स्कूल प्रबंधक ने प्रबंध समिति के सदस्यों से जो धनराशि जमा की। उसे स्कूल के खाते के स्थान पर चंदे खाते में जमा कर वित्तीय नियमों को ताक पर रखा। प्रबंधक ने उस धनराशि को अपने निजी कार्य में खर्च किया। जबकि स्कूल के पुराने खातों को बंद कर दिया गया। स्कूल के अभिलेखों को स्कूल प्रबंधक के साथ मिलकर खुर्द बुर्द किया गया। यह भी मामला सामने आया कि एक
विद्यालय में हिंदी शिक्षक के पद पर भर्ती में विशेषज्ञ की असहमति के बावजूद नियमों को ताक पर रखकर तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी ने भर्ती के लिए अनुमोदन कर दिया। शिकायतकर्ता के मुताबिक इस प्रकरण में विभाग ने पूर्व में मुख्य शिक्षा अधिकारी का जवाब तलब किया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि एक अन्य प्रकरण में स्कूल में लिपिक के आरक्षित पद पर सामान्य व्यक्ति की नियुक्ति कर दी गई। वहीं, एक अन्य मामले में ऐसे व्यक्ति जिस पर गबन के आरोप में मुकदमा चल रहा है। उसे अशासकीय स्कूल में प्रबंधक के पद पर नियुक्त के लिए अनुमोदन कर दिया गया

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