Wednesday, February 5News That Matters

पहाड़ी टोपी, ऐपण कला और आदि कैलाश का छाया चित्र, पीएम मोदी ने उत्तराखंड के इन प्रतीकों को दिलाई नई ऊंचाइयां, आज सीएम व टीम के सदस्यों ने पीएम को इन्हें तोहफों के रूप में भेंट किया

पहाड़ी टोपी, ऐपण कला और आदि कैलाश का छाया चित्र, पीएम मोदी ने उत्तराखंड के इन प्रतीकों को दिलाई नई ऊंचाइयां, आज सीएम व टीम के सदस्यों ने पीएम को इन्हें तोहफों के रूप में भेंट किया


उत्तराखंडी टोपी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से खासी पॉपुलैरिटी मिली है..

सीएम धामी ने पीएम को तमिलनाडु से मंगाया गया एक विशेष तौर का शंख भेंट किया..

सीएम धामी ने पीएम के विजन को आगे बढ़ाते हुए उड़ान योजना के अंतर्गत इस क्षेत्र के लिये हेली सेवा प्रारंभ कराई है जिसके उत्साहजनक नतीजे सामने हैं..

 

रुद्रपुर से उत्तराखंड देवभूमि में चुनावी शंखनाद को पहुँचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस दौरान न केवल उत्तराखंड की पारंपरिक टोपी भेंट की गई बल्कि कुमाऊँ की प्राचीन ऐपण कला और आदि कैलाश का छाया चित्र भी भेंट किया गया। सीएम धामी ने भी पीएम को तमिलनाडु से मंगाया गया एक विशेष तौर का शंख भेंट किया।

खैर, उत्तराखंड की संस्कृति से जुड़ी जो भी वस्तुएं पीएम मोदी को भेंट की गई, इन तमाम चीजों को विश्व स्तर पर प्रसिद्धि दिलाने और ब्रांडिंग करने में पीएम मोदी की भी बड़ी भूमिका रही है

दरअसल, उत्तराखंडी टोपी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से खासी पॉपुलैरिटी मिली है। पीएम मोदी मन की बात कार्यक्रम में इसका विशेष जिक्र करने से लेकर उत्तराखंड में जब-जब आते हैं तो इस टोपी को धारण जरूर करते हैं। इस टोपी को पीएम द्वारा पहनने के बाद से इस टोपी की डिमांड बहुत बढ़ गई है। ऐसी भी स्थिति आयी कि ब्रह्मकमल लगी इस टोपी की दीवानगी लोगों के सिर चढ़कर बोलती रही है। इस टोपी को अब और भी अधिक गौरव के साथ उत्तराखंडी लोग धारण करने लगे हैं।

यह भी पढ़ें -  धामी सरकार मोदी के मार्गदर्शन में सैनिकों और उनके परिवार को मिलने वाली सुविधाओं में वृद्धि करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध: धामी सरकार ने उत्तराखण्ड के वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को देय एकमुश्त अनुदान राशि में भी वृद्धि की है धामी सरकार ने उत्तराखण्ड से द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों की वीरांगनाओं एवं वेटरन की पेंशन बढ़ाकर 10 हजार रूपये की धामी जी ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनकी विधवाओं की प्रतिमाह पेंशन बढ़ाकर 25 हजार की धामी ने विजय दिवस पर शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी मुख्यमंत्री ने विजय दिवस पर भूतपूर्व सैनिकों, वीरांगनाओं को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह् देकर सम्मानित किया मुख्यमंत्री ने कि घोषणा : सैनिक आश्रितों को भर्ती पूर्व दिये जाने वाले प्रशिक्षण के दौरान भोजन व्यवस्था के लिए प्रतिदिन दी जाने वाली धनराशि बढ़ाकर 225 रूपये विजय दिवस: आज का दिन भारतीय सेना के वीर जवानों के अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम का उत्सव मनाने का दिन : धामी विजय दिवस: 1971 का युद्ध अमानवीयता पर मानवता, दुराचार पर सदाचार और अन्याय पर न्याय की जीत का युद्ध था:धामी उत्तराखंड की भूमि, देवभूमि होने के साथ-साथ पराक्रम और बलिदान की भूमि भी है:धामी 1971 के भारत-पाक युद्ध में वीरभूमि उत्तराखंड के 255 जवानों ने भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया था: धामी प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन के अनुरूप देहरादून में पांचवे धाम सैन्य धाम का निर्माण कार्य प्रगति पर : धामी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जवानों का मनोबल तेजी से बढ़ा है: धामी सैन्य परिवारों के लिए विशेष योजनाएं बने, जिससे एक सैनिक को युद्ध में लड़ते समय अपने परिवार की चिंता न हो: धामी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को गांधी पार्क, देहरादून में विजय दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। विजय दिवस पर मुख्यमंत्री ने भूतपूर्व सैनिकों, वीरांगनाओं को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह् देकर सम्मानित किया। विजय दिवस के अवसर पर आयोजित निबंध एवं कला प्रतियोगिता में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को भी मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि सैनिक आश्रितों को भर्ती पूर्व दिये जाने वाले प्रशिक्षण के दौरान भोजन व्यवस्था के लिए प्रतिदिन दी जाने वाली धनराशि 80 रूपये से बढ़ाकर 225 रूपये प्रति प्रशिक्षणार्थी की जायेगी राज्य के गढ़वाल और कुमांऊ मण्डल में सैनिक आश्रित युवाओं को सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा 56 दिनों का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन भारतीय सेना के वीर जवानों के अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम का उत्सव मनाने का दिन है। 1971 का युद्ध अमानवीयता पर मानवता, दुराचार पर सदाचार और अन्याय पर न्याय की जीत का युद्ध था। आज ही के दिन वर्ष 1971 में पाकिस्तान के 93,000 से अधिक सैनिकों ने हमारे वीर बहादुर सैनिकों के समक्ष घुटने टेके थे। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, किसी भी सेना का यह सबसे बड़ा आत्मसमर्पण था। यह युद्ध भारत के वीरों के अटल संकल्प और बलिदान का प्रत्यक्ष उदाहरण था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की भूमि, देवभूमि होने के साथ-साथ पराक्रम और बलिदान की भूमि भी है। 1971 के भारत-पाक युद्ध में वीरभूमि उत्तराखंड के 255 जवानों ने भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया था। इस युद्ध में अपने अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय देने वाले प्रदेश के 74 सैनिक विभिन्न वीरता पदकों से सम्मानित हुए थे। ऐसे सभी वीरों के बलिदान की अमर गाथाएं आज भी हमारे युवाओं को प्रेरणा देने का काम करती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन के अनुरूप देहरादून में पांचवे धाम सैन्य धाम का निर्माण कार्य प्रगति पर है। यह धाम उन सभी वीरों को हमारी ओर से एक विनम्र श्रद्धांजलि होगी जिन्होंने अपने प्राणों की परवाह किये बिना तिरंगे की शान के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। यह सैन्य धाम आने वाली पीढ़ियों के लिए राष्ट्र आराधना के एक दिव्य प्रेरणा पुंज के रूप में कार्य करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जवानों का मनोबल तेजी से बढ़ा है। आज हमारे सैनिक अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं, उनकी सहायता और सुरक्षा के लिए विश्व स्तरीय उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। आज हमारे सैनिकों का मनोबल इतना ऊंचा है कि वो दुश्मन के घर में घुस कर उस पर कार्रवाई करने में समर्थ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्य सेवक के रूप में उनका प्रयास रहता है कि सैन्य परिवारों के लिए विशेष योजनाएं बने, जिससे एक सैनिक को युद्ध में लड़ते समय अपने परिवार की चिंता न हो। राज्य सरकार प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में सैनिकों और उनके परिवार को मिलने वाली सुविधाओं में वृद्धि करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड के वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को देय एकमुश्त अनुदान राशि में भी वृद्धि की है। जिसके तहत परमवीर चक्र से सम्मानित सैनिक को 30 लाख से 50 लाख, महावीर चक्र 20 लाख से 35 लाख, कीर्ति चक्र 20 लाख से 35 लाख, वीर चक्र और शौर्य चक्र 15 से 25 लाख और सेना गेलेन्ट्री मेडल 07 लाख से 15 लाख करने को मंजूरी दी गई। उत्तराखण्ड से द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों की वीरांगनाओं एवं वेटरन की पेंशन प्रतिमाह 8 हजार रूपये से बढ़ाकर 10 हजार रूपये की है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनकी विधवाओं की प्रतिमाह पेंशन 21 हजार से बढ़ाकर 25 हजार की गई है। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजान दास, सचिव सैनिक कल्याण दीपेन्द्र चौधरी, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, एसएसपी अजय सिंह, निदेशक सैनिक ब्रिगेडियर कल्याण अमृत लाल (से.नि), मेजर जनरल सम्मी सबरवाल(से.नि), रियर एडमिरल ओ.पी.सिंह राणा(से.नि), ब्रिगेडियर के.जी बहल(से.नि) एवं पूर्व सैन्य अधिकारी और वीरांगनाएं उपस्थित थे।

इसी तरह की स्थिति, ऐपण कला के साथ भी रही है। सीएम धामी कुमाऊं की इस विशेष पहचान को दिल्ली दौरों के दौरान पीएम को भेंट कर चुके हैं। यही वजह रही कि इस कला के बारे में हर कोई जानने और इसे लेने को लेकर लोग आतुर रहते हैं।

कमोबेश यही स्थिति आदि कैलाश को लेकर भी कही जा सकती है। दरअसल, जब से पीएम मोदी ने इस क्षेत्र का सीएम धामी के न्यौते के बाद दौरा किया और लोगों से यहाँ आने की अपील की है तब से यहां लोगों की आवाजाही खूब बढ़ रही है। सीएम धामी ने पीएम के विजन को आगे बढ़ाते हुए उड़ान योजना के अंतर्गत इस क्षेत्र के लिये हेली सेवा प्रारंभ कराई है जिसके उत्साहजनक नतीजे सामने हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *