नए साल में तत्काल मिलेंगी आपदा की सूचनाएं, 53 करोड़ के संयंत्रों से लैस होगी नई बिल्डिंग  

नए साल में तत्काल मिलेंगी आपदा की सूचनाएं, 53 करोड़ के संयंत्रों से लैस होगी नई बिल्डिंग

देहरादून में सहस्रधारा आईटी पार्क में स्थित भवन का निर्माण कार्य जनवरी 2020 में शुरू किया गया था, जिसे अब तैयार कर यूएसडीएमए को सौंप दिया गया है। भवन का निर्माण वर्ल्ड बैंक वित्त पोषित उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट (यूडीआरपी) के तहत किया गया है।
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) की कोटि बनाल शैली में 87 करोड़ रुपये की लागत से बनी छह मंजिला नई इमारत नए साल में 53 करोड़ रुपये के संयंत्रों से सुसज्जित होकर काम करना शुरू कर देगी। इसके बाद राज्य के किसी भी कोने में घटित होने वाली आपदा से जुड़ीं सूचनाएं फौरन मिल सकेंगी।
इसके बाद स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (एसईओसी) 24 घंटे काम करेगा, जो किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने में मददगार होगा। देहरादून में सहस्रधारा आईटी पार्क में स्थित भवन का निर्माण कार्य जनवरी 2020 में शुरू किया गया था, जिसे अब तैयार कर यूएसडीएमए को सौंप दिया गया है। भवन का निर्माण वर्ल्ड बैंक वित्त पोषित उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट (यूडीआरपी) के तहत किया गया है।

 

आठ मेग्नीट्यूट तक का भूकंप भी आसानी से झेल सकती
इसकी भीतरी साज-सज्जा और आधुनिक यंत्रों की खरीद जनवरी 2024 में शुरू होने जा रहे उत्तराखंड डिजास्टर प्रीपेयर्डनेस एंड रजिलियेंट परियोजना (यू-प्रीपेयर) के तहत किया जाएगा। उत्तराखंड की पहली ऐसी बिल्डिंग है, जिसे 4-स्टार ग्रिया प्रमाणपत्र मिला है, जो आठ मेग्नीट्यूट तक का भूकंप भी आसानी से झेल सकती है।

बिल्डिंग में विश्वस्तरीय कमांड सेंटर बनेगा।सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) जैसे सीसीटीवी, आईपीबीएक्स, डेटा नेटवर्किंग, वाईफाई ऑन-ग्रिड, सौर ऊर्जा उत्पादन प्रणाली, पब्लिक एड्रेसेबल वॉयस अलार्म (पीएवीए) प्रणाली से सुसज्जित किया जाएगा। इमारत में 80 बेस आइसोलेशन सिस्टम लगाए गए हैं। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया, शीघ्र ही बिल्डिंग में आधुनिक तकनीक के यंत्रों को सुसज्जित करने का काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई है।

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24 घंटे सातों दिन काम करेगा एसईओसी

आपदा प्रबंधन में एसईओसी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें आधुनिक संचार और तकनीक का मिश्रण देखने को मिलेगा। यह सातों दिन 24 घंटे काम करेगा। इसके तहत एक्टिव नेटवर्किंग हार्डवेयर एवं सर्वर स्थापित किया जाएगा, ताकि प्रदेशभर में आपदा के समय सूचनाओं का विश्लेषण किया जा सके।

हार्डवेयर से लेकर ऑडियो विजुअल, सबकुछ खास

नई बिल्डिंग में राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र, एक्टिव राउटर, कोर स्पीच, फायर वॉल, वाई-फाई कंट्रोलर, एक्ससेस प्वाइंट और वाइस टेलीफोनिक सिस्टम में 6.51 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा पूरे भवन में हार्डवेयर, लाइसेंस व वर्क स्टेशन पर 4.57 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जबकि एचसीआई सर्वर सिस्टम पर 14.35 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा ऑडियो विजुअल सिस्टम को स्थापित करने में 27.17 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
नई बिल्डिंग में एसईओसी वॉर रूम, फ्यूजन सेंटर, जीआईएस लैब, काॅन्फ्रेंस हॉल, प्रशिक्षण हॉल, मीटिंग हॉल, रिटायरिंग रूम, कैफेटेरिया, संचालन और लॉजिस्टिक टीम के लिए चर्चा कक्ष, सशस्त्र बलों, वैज्ञानिक एजेंसियों, एनजीओ के लिए चर्चा कक्ष, 24×7 आपातकाल के लिए ट्रांजिट हॉस्टल, अपना सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), एकीकृत भवन प्रबंधन प्रणाली (आईबीएमएस) से सुसज्जित किया जाएगा।

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