वन मंत्री के निर्देश : ग्रामीणों के अथक प्रयास से उनके गांव तक सड़कें सरकार द्वारा स्वीकृत होती है परन्तु निर्माणाधीन सड़क में आने वाले वृक्षों का विदोहन विकास कार्य के माध्यम से किया जाता है, जिसे तत्काल आम जनता की समस्याओं को देखते हुए सड़क निर्माण में बाधक वृक्षों का तत्काल निस्तारण किया जाय
वन एवं पर्यावरण मंत्री सुबोध उनियाल ने उत्तराखण्ड वन विकास निगम के सभाकक्ष में उत्तराखण्ड वन विकास निगम के समस्त महाप्रबन्धक / क्षेत्रीय प्रबन्धक मुख्यालय के प्रबन्धक / अधिकारी तथा विडियों कॉन्फेन्स के माध्यम से उत्तराखण्ड वन विकास निगम के समस्त प्रभागीय प्रबन्धकों / क्षेत्रीय प्रबन्धकों की उत्तराखण्ड वन विकास निगम के कार्यकलाप एवं गतिविधियों की समीक्षा बैठक ली गयी। बैठक में विनोद कुमार, प्रमुख वन संरक्षक (HOFF), उत्तराखण्ड, डॉ० कपिल कुमार जोशी, प्रबन्ध निदेशक, उत्तराखण्ड वन विकास निगम, डॉ० विवेक पाण्डेय, महाप्रबन्धक (कु०मं०), हल्द्वानी, राहुल महाप्रबन्धक ( उत्पादन), देहरादून के अतिरिक्त प्रभागीय प्रबन्धक लौगिंग / खनन/विपणन व प्रभागीय लौगिंग प्रबन्धक मुख्यालय के साथ-साथ मुख्यालय के अनुभाग प्रभारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया ।
सबसे पहले के0एल0 बेलवाल, प्रभागीय प्रबन्धक मुख्यालय द्वारा वन मंत्री एवं अन्य उपस्थित अधिकारी / कार्मिकों का स्वागत किया गया
वन मंत्री की अनुमति से डॉ० विवेक पाण्डेय, महाप्रबन्धक (कु०मं०), हल्द्वानी द्वारा उत्तराखण्ड वन विकास निगम की स्थापना, प्रबन्ध मण्डल, उत्तराखण्ड वन विकास निगम का संरचनात्मक एवं प्रशासनिक ढाँचा, कार्मिकों की वर्तमान स्थिति तथा उत्तराखण्ड वन विकास निगम के मुख्य कार्यो यथा वन विभाग से आवंटित वृक्षों का विदोहन / पातन एवं विक्रय कार्य, यू०पी०एम०एस० के माध्यम से विक्रय किए जाने, आरक्षित वन क्षेत्रों से उप-खनिज चुगान हेतु वन स्वीकृति, पर्यावर्णीय अनापत्ति तथा NBWL की स्वीकृति प्रक्रिया के सम्बन्ध में तथा खनन बिक्री व निकासी तथा उत्तराखण्ड वन विकास निगम की विगत 3 वर्षो की उपलब्धियाँ आदि कार्य-कलापों के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण किया गया ।
विडियों कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से आकाश वर्मा, क्षेत्रीय प्रबन्धक (टि0क्षे0), देहरादून द्वारा फील्ड कर्मियों की कमी से लौगिंग एवं विपणन तथा खनन कार्य सुचारू रूप से सम्पादित नहीं हो पा रहे हैं। उप-खनिज चुगान क्षेत्र में असमाजिक गतिविधियों की रोक-थाम हेतु गश्ती दल की आवश्यकता बतायी गयीं साथ ही खनन कार्य के दौरान हो रही अनियमितताओं पर रोक हेतु केस दर्ज करने का अधिकार वन विभाग की भाँति उत्तराखण्ड वन विकास के कार्मिकों को भी दिया जाय। इस सम्बन्ध में वन मंत्री द्वारा क्षेत्रीय प्रबन्धकों को निर्देश दिये गये कि वन विभाग व वन निगम के को-ओर्डिनेट बनाये जाने हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा जाय।
बी०पी० बहुगुणा, प्रभागीय लौगिंग प्रबन्धक, उत्तरकाशी द्वारा दिये गये सुझाव पर वन मंत्री द्वारा प्रमुख वन संरक्षक (HOFF) को निर्देशित किया कि फाँटा व गुलिया जड़ी बूटी की श्रेणी में है अथवा नहीं इस सम्बन्ध में स्थिति स्पष्ट की जाय।
बैठक में उपस्थित एवं विडियों कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से सभी प्रतिभागी अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि ग्रामीणों के अथक प्रयास से उनके गांव तक सड़कें सरकार द्वारा स्वीकृत होती है परन्तु निर्माणाधीन सड़क में आने वाले वृक्षों का विदोहन विकास कार्य के माध्यम से किया जाता है, जिसे तत्काल आम जनता की समस्याओं को देखते हुए सड़क निर्माण में बाधक वृक्षों का तत्काल निस्तारण किया जाय। उत्तराखण्ड वन विकास निगम में नियमित अंतराल में विभिन्न संवर्ग में कार्मिकों की सेवानिवृत्ति से कार्मिकों की कमी को देखते हुए नई भर्ती प्रकिया पूर्ण करने तथा इस सम्बन्ध में वन मंत्री द्वारा सम्बन्धित आयोग के अधिकारी को दूरभाष पर उत्तराखण्ड वन विकास निगम द्वारा नई भर्ती हेतु दिये गये अधियाचन के अनुसार नई भर्ती प्रकिया पूर्ण कर ली जाय, जिस पर सम्बन्धित आयोग के अध्यक्ष द्वारा आश्वासन दिया गया। यह भी संदेश दिया गया कि वन मंत्री से वर्ष 2021-22 में स्थापना वर्ष में सर्वाधिक लाभ अर्जित करने हेतु वन विकास निगम को बधाई दी तथा प्रतिभागियों को संदेश भी दिया कि हम सब जन सेवक है तथा हमें पूर्ण निष्ठा से जन सहयोग के साथ कार्यों को करना चाहिये ।
अन्त में प्रबन्ध निदेशक, उत्तराखण्ड वन विकास निगम द्वारा वन मंत्री एवं प्रमुख वन संरक्षक (HOFF) का आभार व्यक्त करते हुए बैठक समापन की घोषणा की।