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जब बीमार शिक्षिकाओं  के तबादले के लिए  मुख्यमंत्री ने दिया दखल  तो जनता ने कहा मातृशक्ति के स्वास्थ्य के प्रति उनका ये संवेदनशीलता वाला हैं कदम.. पर कुछ  तुच्छ मानसिकता वालो को इसमें भी एतराज ( आखिर उन्हें राजनीति जो करनी है )

जब बीमार शिक्षिकाओं  के तबादले के लिए  मुख्यमंत्री ने दिया दखल  तो जनता ने कहा मातृशक्ति के स्वास्थ्य के प्रति उनका ये संवेदनशीलता वाला हैं कदम.. पर कुछ  तुच्छ मानसिकता वालो को इसमें भी एतराज ( आखिर उन्हें राजनीति जो करनी है )



 

 

उत्तराखंड में  लगातार अखबारों  में  ख़बर वायरल   थी  कि  बीमार  शिक्षिकाओं    के साथ मजाक किया जा रहा

और शिक्षा विभाग अपने चहेतो   के लिए एक्ट को कर रहे हैं दरकिनार  और बीमार  शिक्षक कर रहे  है तबादलों का  इंतज़ार

 

 कुछ इसी प्रकार के समाचार  और बीमार शिक्षिकाओं की गुहार 

  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक भी पहुंची जिसके    बाद बीमार शिक्षिकाओं के एक्ट के अनुसार  दुर्गम से सुगम क्षेत्रों में तबादले के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को निर्देश जारी करना पड़ा

सीएम कार्यालय के पत्र के बाद शिक्षा महानिदेशक ने मामले में अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा को नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए 

 आपको बता दें कि  उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले लगभग 700 से अधिक शिक्षकों के तबादले किए गए मगर गंभीर रूप से बीमार शिक्षकों की सुध नहीं ली गई  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक बात पहुंची तो बीमार तीन शिक्षिकाओं के तबादले के लिए  उन्होने  निर्देश जारी किए    

 जिसे प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मातृशक्ति के स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए उठाया गया कदम बताया जा रहा है जो अत्यंत सराहनीय है,

लेकिन यह बात विपक्ष में बैठे अन्य राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओ को / विरोधियों को भा नहीं रही है   इसलिए बेवजह इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर नकारात्मक संदेश देकर   उछालने  का काम भी कर रहे हैं जो  उनकी  तुच्छ मानसिकता   को दिखाता है

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