कॉकलियर इम्प्लांट सर्जरी के बाद
मरीज बोली ‘हां अब मैं सुन सकती हूॅ‘
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के ईएनटी सर्जन की मेहनत लाई रंग
उत्तराखण्ड में किसी वयस्क मरीज़ के कॉकलियर इम्प्लांट सर्जरी का पहला मामला
मरीज ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल को कहा धन्यवाद
देहरादून
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के नाक-कान-गला रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ तृप्ति ममगाईं की मेहनत रंग लाई है। उन्होंने 31 वर्षीय महिला की सफल कॉकलियर इप्लांट सर्जरी की है। सर्जरी के बाद महिला बेहतर ढंग से सुन पा रही है व सामान्य जीवन जी रही है। बच्चों की सफल कॉकलियर इम्प्लांट सर्जरी के कई आंकडे राज्य में दर्ज हैं लेकिन उत्तराखण्ड में किसी वयस्क मरीज़ के कॉकलियर इम्प्लांट सर्जरी का यह पहला मामला प्रकाश में आया है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने नाक-कान-गला रोग विभाग को मरीज़ की सफल सर्जरी के लिए शुभकामनाएं दी हैं।
देहरादून निवासी 31 वर्षीय महिला अमृता को एक दुर्घटना में चोट के कारण कम सुनने की समस्या आ गई, इसके कारण महिला को धीरे धीरे सुनना बिल्कुल बंद हो गया। दुर्घटना से पहले महिला पूरी तरह सुन सकती थी। लेकिन दुर्घटना के दुष्प्रभाव से यह समस्या बढ़ते बढ़ते बहरेपन के चरम तक पहुंच गई।
मेडिकल साइंस में यह मामला इसी लिए अप्रत्याशित श्रेणी का है कि पहले सामान्य सुनने की क्षमता रखने वाली महिला की समस्या बहरेपन के चरम तक पहुंच गई। मेडिकल साइंस में इस बीमारी को ‘पोस्ट लिंग्वल डैफनेस‘ कहा जाता है।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में डेढ़ घण्टे तक चली सर्जरी के बाद महिला का कॉकलियर इम्प्लांट किया गया। सर्जरी के बाद महिला की 98 प्रतिशत सुनने की क्षमता लौट आई है।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में ‘वैरिया‘ टम्त्प्। तकनीक से मरीज़ की सर्जरी की गई। ‘वैरिया‘ टम्त्प्। तकनीक कॉकलियर इम्प्लांट की एडवांस तकनीक है। उत्तरखण्ड में केवल श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में यह तकनीक इस्तेमाल हो रही है।
महिला को सर्जरी के लिए मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से आर्थिक मदद उपलबध करवाई गई। सर्जरी के बाद महिला मरीज़ ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के डॉक्टरों व स्टाफ को धन्यवाद दिया।
बता दे कि श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में अब तक 150 से अधिक बच्चों की सफल कॉकलियर इम्प्लांट सर्जरी की जा चुकी हैं। वयस्कों के मामले में कॉकलियर इम्पलांट सर्जरी का उत्तराखण्ड में यह पहला मामला है। वयस्कों के मामले में कॉकलियर इम्पलांट उन लोगों के लिए वरदान हैं जो पहले सुनने की क्षमता रखते थे लेकिन किसी दुर्घटना या अन्य मेडिकल कारणों से सुनने की क्षमता खो देते हैं। ऐसे मामलो में यदि हेयरिंग एड से भी सुनाई देने में कोई सकरात्मक परिणाम नहीं मिलते तो कॉकलियर इम्पलांट सर्जरी बहुउपयोगी है।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में एडिप स्कीम, ईएसआईसी व ईसीएचएस के अर्न्तगत कॉकलियर इम्प्लांट सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है।