लगभग 346 साल पुराने झंडेजी मेले का इतिहास देहरादून के अस्तित्व से जुड़ा है , श्री झण्डे जी मेले में जुटेंगी लाखों संगतें ,पूरे स्वरूप में होगा मेला आयोजन, बाजार सजेगा, देश विदेश से भारी संख्या में संगतों के पहुंचने का अनुमान

लगभग 346 साल पुराने झंडेजी मेले का इतिहास देहरादून के अस्तित्व से जुड़ा है।
श्री गुरु राम राय जी का पदार्पण (देहरादून आगमन) यहां सन् 1676 में हुआ था।
तब गुरु महाराज ने श्री दरबार साहिब में लोक कल्याण के लिए विशाल झंडा लगाकर लोगों को इसी ध्वज से आशीर्वाद प्राप्त करने का संदेश दिया था। इसी के साथ श्री झंडा साहिब के दर्शन की परंपरा शुरू हो गई।

हर साल होली के पांचवें दिन से शुरू होने वाला ऐतिहासिक झंडेजी का मेला लगभग 20 दिन तक चलता है। श्री दरबार साहिब परिसर में लगने वाले विशाल मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु मत्था टेकने पहुंचते हैं।

श्री गुरु राम राय महाराज सिखों के सातवें गुरु हर राय के ज्येष्ठ पुत्र थे। उनका जन्म होली के पांचवें दिन वर्ष 1646 को पंजाब के जिला होशियारपुर (अब रोपड़) के कीरतपुर में हुआ था।
346 साल पुराने इतिहास को संजोये श्री दरबार साहिब के औणदास पहले महंत थे। जिसके बाद महंत हरप्रसाद (1741-1766) श्री दरबार साहिब की गद्दी पर विराजमान हुए। साल 1766 से 1818 तक हरसेवक महंत बने

1818 से लेकर 1842 तक महंत स्वरूपदास, 1842 से 1854 तक महंत प्रीतमदास, 1854 से 1885 तक महंत नारायणदास, 1885 से 1945 तक महंत लक्ष्मणदास और 1945 से लेकर 2000 तक महंत इंदिरेश चरण दास गद्दी पर विराजमान रहे। वर्तमान में महंत देवेंद्र दास जी महाराज जी 25 जून 2000 से गद्दी पर विराजमान हैं। 

श्री झण्डे जी मेले की भव्यता बढ़ाने
पंजाब से पहुंची पैदल संगत

पुष्प वर्षा व श्री गुरु राम राय जी महाराज के जयकारों के साथ हुआ श्री दरबार साहिब में भव्य स्वागत

यह भी पढ़ें -  मुख्यमंत्री धामी ने अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ अयोध्या में रामलला के किये दर्शन ,इस दौरान सभी बेहद उत्साहित और भक्ति भाव में डूबे हुए नजर आए

पंजाब के विभिन्न हिस्सों से 70 से अधिक सदस्यीय पैदल संगत का जत्था बुधवार शाम को श्री दरबार साहिब पहुंचा
शाम 5ः15 बजे देहरादून के दर्शनी गेट पहुंचते ही पैदल संगत का पुष्प वर्षा व ढोल नगाड़ों की थाप के साथ दूनवासियों व श्री दरबार साहिब के प्रतिनिधियों ने उनका ज़ोरदार स्वागत किया गया।
दर्शनी गेट व श्री दरबार साहिब परिसर में श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज की अगुवाई में पुष्प वर्षा के बीच संगत का जोरदार स्वागत हुआ।

श्रीमहाराज जी ने संगत को दर्शन दिए व आशीर्वाद दिया।
इस दौरान श्री दरबार साहिब परिसर व निकटवर्ती समचा क्षेत्र श्री गुरु राम राय जी महाराज के गगनभेदी जयकारों से गूंज रहा था

श्री दरबार साहिब में पैदल संगत के पहुंचते ही श्री झण्डे जी मेले की दिव्यता और भव्यता में चार चांद लग गए हैं। श्री दरबार साहिब में संगतों ने बुधवार शाम को ढोल की थाप पर जमकर नृत्य किया व श्री गुरु राम राय जी महाराज जी महिमा का गुणगान किया।
श्री दरबार साहिब प्रबन्धन की ओर से बुधवार दोपहर 3.15 बजे संगत का स्वागत प्राइमरी स्कूल कांवली में किया गया। शाम 5ः15 बजे श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज की अगुआई में दर्शनी गेट पर व श्री दरबार साहिब परिसर में संगत का भव्य स्वागत किया गया। पैदल संगत के श्री दरबार साहिब में पहुंचते ही रौनक में चार चांद लग गए हैं। इस प्रकार बुधवार से श्री दरबार साहिब में देश-विदेश से आने वाली संगत के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया है। 19 मार्च को संगतें एसजीआरआर पब्लिक स्कूल बॉम्बे बाग से लाल पुल से मातावाला बाग से सहारनपुर चौक होते हुए नए ध्वजदण्ड (श्री झण्डे जी) को अपने कंधों पर उठाकर श्री दरबार साहिब पहुंचाएंगी।

यह भी पढ़ें -  उत्तराखंड : में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर पैमाने पर 4.6 रही तीव्रता

 

श्री झण्डे जी मेले में जुटेंगी लाखों संगतें

पूरे स्वरूप में होगा मेला आयोजन, बाजार सजेगा, देश विदेश से भारी संख्या में संगतों के पहुंचने का अनुमान

श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज जी के निर्देशानुसार मेला आयोजन समिति ने मेला आयोजन की रूपरेखा पहले ही कर ली थी तैयार

देहरादून


22 मार्च 2022 को ऐतिहासिक श्री झण्डे जी का आरोहण होगा, 22 मार्च को श्री झण्डे जी के आरोहण के साथ ही ऐतिहासिक पवित्र मेले का शुभारंभ हो जाएगा। श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज की ओर से मेला आयोजन समिति के सभी पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्दश जारी कर दिए गए हैं।
अब 19 मार्च को श्री झण्डे जी के आरोहण के लिए तैयार किए गए ध्वजदण्ड को एसजीआरआर बॉम्बे बाग स्कूल से श्री दरबार साहिब तक लाया जाएगा ओर इसी दिन से गिलाफ सिलाई का कार्य भी शुरू हो जाएगा।
21 मार्च की शाम को परंपरा के अनुसार पूर्व से आई संगतों की विदाई होगी।
22 मार्च को सुबह 8 बजे से 9 बजे के बीच श्री झण्डे जी को उतराने का कार्यक्रम होगा।
सेवकों व संगतों द्वारा श्री झण्डे जी को दही, घी, गंगाजल, एवम् पंचगब्यों से स्नान करवाया जाएगा। सुबह 10 बजे से 2 बजे तक
श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी द्वारा संगतों को दर्शन दिए जाएंगे व गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। शाम 3 बजे से 4 बजे के बीच श्री झण्डे जी का आरोहण किया जाएगा। 24 मार्च को ऐतिहासिक नगर परिक्रमा होगी। 10 अप्रैल 2022 को रामनवमी के दिन श्री झण्डे जी मेला सम्पन्न हो जाएगा।
इस बार मेले में सजेंगी दुकानें
कोविड महामारी की वजह से विगत दो सालों से मेला बाजार नहीं लग पा था लेकिन इस बार मेले में सभी दुकानें लगेंगी। मेला व्यवस्थापक के.सी. जुयाल ने जानकारी दी कि इस बार सामान्य वर्षों की भांति मेला बाजार सजेगा। मेले में सभी प्रकार की दुकानें, झूले व चर्खियां आकर्षण का प्रमुख केन्द्र होंगे। मेला बाजार में दुकानदार दुकानों, झूलों व चर्खियों के लिए बुकिंग करवा चुके हैं।

यह भी पढ़ें -  मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए नई नीतियां बनाई जा रही है। राज्य में उद्योगों के हित में 27 नई नीतियां बनाई गई हैं। सिंगल विंडो सिस्टम को और प्रभावी बनाया जा रहा है

 

श्री झण्डे जी मेले का यह है एतिहासिक महत्व
सिखों के सातवें गुरु श्री गुरु हर राय जी के बड़े पुत्र श्री गुरु राम राय जी महाराज का जन्म सन् 1646 ई. में जिला होशियारपुर के कीरतपुर, पंजाब में हुआ था।
श्री गुरु राम राय जी महाराज ने देहरादून को अपनी तपस्थली चुना व श्री दरबार साहिब में लोक कल्याण के लिए विशाल झण्डा लगाकर श्रद्धालुओं को ध्वज से आशीर्वाद लेने का संदेश दिया था।
होली के पॉचवें दिन चैत्रवदी पंचमी को श्री गुरु राम राय जी महाराज के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है व हर साल श्री झण्डे जी मेल का आयोजन किया जाता है।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here