मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोरोना काल बंद मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना का किया पुनः शुभारंभ

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कोरोना काल बंद मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना का किया पुनः शुभारंभ

*मुख्यमंत्री द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सहायिका एवं मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री, की चयन प्रक्रिया पारदर्शिता के दृष्टिकोण से ऑनलाइन किए जाने की घोषणा की*

*आगनबाडी राज्य पुरस्कार योजना का नामांकन ऑनलाइन किए जाने की घोषणा*

*मुख्यमंत्री द्वारा तीलू रौतेली राज्य पुरस्कार में नामांकन प्रक्रिया को ऑनलाइन किए जाने की घोषणा*

*नंदा गौरा योजना में नामांकन/ रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया ऑनलाइन किए जाने की घोषणा*

*आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की लम्बित मांगों पर शीघ्र लिया जायेगा निर्णय*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को रिंग रोड ,देहरादून स्थित होटल में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना का पुनः शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना का पुनः शुभारंभ होना बच्चों के विकास एवं उन्हें पर्याप्त पोषण मिलने में बड़ी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार माँ का आंचल बच्चे की धूप-छांव से बचाव करता है, उसी प्रकार आंचल अमृत योजना बच्चों में कुपोषण को दूर करने में निश्चित रूप से सहायक होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया, इससे यह योजना भी कुछ समय तक प्रभावित रही जिसे अब पुनः शुरू कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में 3 से 6 वर्ष के बच्चों को सप्ताह में 4 दिन निशुल्क फोर्टीफाइड मीठा एवं सुगंधित दूध मिलेगा । उन्होंने कहा इस योजना से प्रदेश के 1 लाख 70 बच्चों को लाभ मिलेगा ,साथ ही बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ्य में सुधार होगा। उन्होंने कहा राज्य सरकार बच्चों, महिलाओं, बहनों के लिए हर वह जरूरी योजना लाएगी जिससे उन्हें लाभ पहुंचाया जा सके।

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मुख्यमंत्री पोषण योजना के तहत 01 लाख गर्भवती महिलाओं तथा 85 हजार धात्री महिलाओं को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि वे आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की समस्याओं से अवगत है। वे जिन परिस्थितियों में कार्य करती हैं उससे भी वे परिचित हैं। क्योंकि स्वयं उनके बच्चे आंगनबाड़ी केन्द्रों में पढ़े हैं। जिस प्रकार वे बच्चों की इन केन्द्रों में देखभाल के साथ अन्य कार्य करती हैं वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की मांगों से सम्बन्धित प्रस्ताव शीघ्र कैबिनेट में लाया जायेगा। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को रक्षाबन्धन पर एक-एक हजार तथा कोरोना प्रोत्साहन 05 माह तक 02-02 हजार रूपये का भुगतान किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी की समस्याओं के समाधान के प्रति कटिबद्ध है। ग्राम प्रधानों के मानदेय में भी 1500 रू. की वृद्धि की गई है। 2001 बैच के पुलिस आरक्षियों को 4500 ग्रेड पे स्वीकृत किया गया है। आशा कार्यकत्रियों का मानदेय 1500 बढ़ाया गया है।

उपनल कार्मिकों के मानदेय में 10 साल की सेवा वालों को 02 हजार तथा उससे उपर की सेवा पर 03 हजार की वृद्धि की गई है। बिजली कार्मिकों की समस्याओं का भी समाधान किया गया है। कोरोना महामारी के कारण पर्यटन एवं स्वास्थ्य कार्मिकों को हुए नुकसान की भरपाई के लिये क्रमशः 200 एवं 205 करोड़ के पैकेज की घोषणा की गई है। युवाअें को सेना एवं अर्द्धसैनिक बलों में सेवा के अवसर उपलब्ध कराने तथा उनके शारीरिक दक्षता के लिये स्वस्थ्य युवा, स्वस्थ उत्तराखण्ड योजना के तहत सभी न्याय पंचायतों में ओपन जिम खोलने जा रहे हैं। कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के लिये वात्सल्य योजना शुरू की गई है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड में भी तेजी से कार्य हो रहा है। हर क्षेत्र में विकास कार्यों को दुगनी रफ़्तार से किया जा रहा है। उन्होंने कहा हाल ही में आई दैवीय आपदा से निपटने के लिए सरकार ने तेजी से कार्य किया जिसके फलस्वरूप चार धामों की यात्रा पर आये करीब डेढ़ लाख पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में श्री केदारनाथ एवं श्री बदरीनाथ धामों का विकास कार्य तेजी से किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 11 बच्चों को दूध भी वितरित कर योजना का शुभारम्भ किया।

इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने इस योजना को बच्चों के हित में फिर से प्रारम्भ करने के लिये मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा इस येजना के तहत र्प्याप्त बजट भी स्वीकृत किया गया है। उन्होंने कहा क यह योजना बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने में मददगार होगी तथा इससे प्रदेश को कुपोषण मुक्त प्रदेश बनने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के लिये बड़ा दिल दिखने के लिये भी मुख्यमंत्री का आभार जताया।

मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना का संक्षिप्त विवरण देते हुए सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास सचिव श्री हरिचन्द सेमवाल ने बताया कि प्रदेश में 07 मार्च, 2019 को मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना का शुभारंभ किया गया। योजना के अर्न्तर्गत राज्य सरकार द्वारा राज्य के समस्त आंगनवाडी केन्द्रों में आने वाले स्कूल पूर्व शिक्षा के 03 से 06 वर्ष तक के बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ में सुधार के साथ-साथ कुपोषण दर कम करना तथा आंगनवाडी केन्द्रों में बच्चों की संख्या में वृद्धि किये जाने के उददेश्य से यह योजना राज्य में प्रारम्भ की गई।

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वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना के तहत प्रदेश के समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में 03 से 06 वर्ष के बच्चों उपयोगार्थ डेरी विकास विभाग, उत्तराखण्ड के माध्यम से सुगन्धित फोर्टीफाइड मिल्क विटामिन ए व डी युक्त दूध सप्ताह में 4 दिन प्रति बच्चा 10ग्रा0 दूध पाउडर से 100 मी0ली0 दूध तैयार कर किया गया। राज्य में लगभग कुल 1,70,000 लाभार्थी बच्चों को प्रतिमाह लाभान्वित करते हुये योजनान्तर्गत कुल रू0 6.33 करोड़ का व्यय किया गया। वित्तीय वर्ष 2021-22 में आंगनवाड़ी केन्द्रों में 3 से 6 वर्ष के कुल 256199 बच्चों के उपयोगार्थ माह अक्टूबर से दिसम्बर, 2021 हेतु कुल रू० 4,33,33,000/- की धनराशि का अग्रिम भुगतान दुग्ध पाउडर की आपूर्ति हेतु डेरी विकास विभाग, उत्तराखण्ड को किया गया।

इस अवसर पर विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ ने भी विचार व्यक्त किये प्रबन्ध निदेशक आंचल श्री जयदीप अरोड़ा के ही कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आंगनवाड़ी कार्यकत्री आदि उपस्थित थी।

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