दिल्ली/देहरादून:
उत्तराखण्ड भाजपा दशहरा पर कांग्रेस को कुमाऊं से तगड़ा झटका देने की पटकथा लिखकर बैठी थी,
लेकिन उत्तराखण्डं कांग्रेस के राजनीति के चाणक्य पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उससे पहले ही कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक पुत्र संजीव आर्य को तोड़कर भाजपा पर करारा हमला बोल दिया है।
बता दे कि यशपाल आर्य धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे और उनका जाना उत्तराखण्ड भाजपा में किसी भूचाल से कम नही ओर इस भूचाल को लाने का काम हर दा अंदर खाने काफी समय से लगातार कर रहे थे
उनके बीते दिनों दिए गए बयानों से लग रहा था कि कुछ तो होने वाला है और एक दिन फिर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा था कि आप 15 दिन इतज़ार करे कुछ आपको बड़ा यहा दिखाई देगा
मतलब गणेश गोदियाल ओर हरीश रावत में ये सब बातें चल रही थी
आज भी यशपाल आर्य की ज्वानिंग से लेकर हरीश रावत के घर आने तक कि तस्वीर ,वीडियो बता रही है कि हर दा के जतन से ही ये सबकुछ सम्भव हो पाया
सूत्र कह रहे है कि भाजपा के दो से तीन बड़े नेता और हरीश रावत के
संपर्क में है
लिहाज़ा दिवाली से पहले या दिवाली के बाद फिर कुछ बड़ा हो सकता है
हर दा की सियासी राजनीति के आगे आखिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ब्रेकफ़ास्ट डिप्लोमेसी भी काम नहीं आई और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष से लेकर प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक प्रदेश के सबके बड़े दलित चेहरे आर्य की नाराजगी को नहीं भाँप पाए।
वैसे भाजपा का राष्ट्रीय पार्टी नेतृत्व इसे कतई हल्के में नहीं लेना चाहेगा
क्योंकि यह महज यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य के चले जाने भर का मामला नहीं है बल्कि चुनाव से पहले की ये विदाई पगडंडी या सीढ़ी बन सकती है और दूसरे कांग्रेसी बैकग्राउंड के नेता भी इस रास्ते हो सकते हैं। मतलब जैसे हर दा चाहते है वैसा हो रहा है
सोमवार को धामी कैबिनेट के मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक बेटे संजीव आर्य ने सबसे पहले राहुल गांधी के आवास पहुंचकर उनसे मुलाकात की। इस दौरान यशपाल आर्य और संजीव आर्य के साथ न केवल प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव मौजूद रहे बल्कि पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी हाज़िर रहे ओर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह भी
राहुल गांधी से मुलाकात के बाद करीब साढ़े 11 बजे कांग्रेस भवन में प्रेस वार्ता कर आर्य पिता-पुत्र ने कांग्रेस में घर वापसी कर ली।
अब सवाल आर्य के बाद कौन?
तो इसका जवाब हरीश रावत से बेहतर कोई नही फिलहाल जानता होगा