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पूछता है उत्तराखंड : अभिनव थापर कोई तालिबानी, अपराधिक छवि वाला गुंडा , हत्यारा, चोर था ?? यदि नहीं तो पुलिस के किस मैन्युअल के आधार पर ” थापर की गर्दन दबोची” ??

उत्तराखंड की खाकी मे इंसान या हैवान ?

27 अगस्त 2021 को युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी व उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में विधानसभा घेराव के दौरान प्रोटेस्ट करते हुये देहरादून पुलिस द्वारा युवा कांग्रेस के कार्यकर्तओं पर लाठियां बरसाई जिसमे कई युवा घायल हुए पर अभिनव थापर   पर इस निर्मम्ता से लाठी भांजी गयी की उनके सर और चेहरे पर गंभीर चोटें आयी हैं  तथा उनके घुटनों का लिगामेंट फट गया है जिस वजह से उन्हे आनन-फानन मे CMI अस्पताल मे भर्ती करवाना पड़ा।

लोकतंत्र मे सत्ता की गलत नीतियों का विरोध करना सभी का  संवैधानिक अधिकार है, फिर क्यूँ इस तरह से दमन कर युवाओं के संवैधनिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है?

अभिनव थापर उत्तराखंड में आज किसी पहचान के मोहताज नही हैं। एक सच्चा समाजसेवी जिन्होने कोविड की दूसरी लहर के दौरान अपना घर-परिवार, अपनी जरूरतों को त्याग कर, सुबह शाम दिन रात एक कर सारा समय मानव सेवा मे लगा दिया। उन्होंने अपने साथियों के साथ उत्तराखंड के हजारों परिवारों मदद करी, जिसमें निसंदेह कई ” पुलिस वाले व सरकारी कर्मी” भी होंगे। उनके इस कार्य की हर वर्ग व मीडिया ने सराहना करी।

थापर ने हाईकोर्ट में पहाड़ी क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं व कोरोना की तीसरी लहर में हस्पतालों के बेड-इंतेजाम पर जनहित याजिका मुद्दे पर जनता की लडाई सड़क से न्यायालय तक लड़ रहे है।

क्या वह कोई तालिबानी, अपराधिक छवि वाला गुंडा , हत्यारा, चोर था ?? यदि नहीं तो पुलिस के किस मैन्युअल के आधार पर ” थापर की गर्दन दबोजी” जा रही है , 

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक उत्तराखंड के युवा है वैसे ही अभिनव थापर भी उत्तराखंड के लाखों ऊर्जावान युवाओं जैसे ही एक युवा है, बस दोनो की पार्टी-विचारधारा भिन्न है। उल्लेखनीय है कि अभिनव थापर ने अपनी पार्टी लीग से हटकर ” युवाओं को उत्तराखंड की कमान मिलने पर मुख्यमंत्री धामी की मुक्त कंठ से सोशल मीडिया पर प्रशंसा ” करी, शायद उस दिन उनको लगा होगा कि युवाओं का भविष्य सुधरेगा मगर कुछ ही दिनों बाद उसी अभिनव थापर की एक विधानसभा घेराव में युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी, उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल , कार्यकारी अध्यक्ष भुवन कापड़ी, पूर्व विधायक राजकुमार, युवा कांग्रेस उत्तराखंड अध्यक्ष सुमितर भुल्लर व हजारों कार्यकर्ता के सामने भी उत्तराखंड की ” मित्र पुलिस ने जबरदस्त साहस व हिम्मत दिखाते हुए अभिनव थापर की टांग तोड़ने के बाद सीधा गर्दन दबोची”। 

अभिनव थापर ने कहा यदि कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल जी बैरीकेड से नीचे नही कूदते तो हालत बहुत गंभीर हो जाते।

सवाल यह है कि गणेश गोदियाल, भुवन कापड़ी, सुमति भुल्लर को क्यो कूदना पड़ा आखिरकार अभिनव थापर को बचाने के लिये ? क्या युवा कांग्रेस के झंडे में लिपटकर थापर का युवाओं की आवाज बुलंद करना गुनाह है ? क्या वह कोई अपराधी था ? कोई पुलिस की कोई व्यक्तिगत दुश्मनी ?  अनेकों ऐसे  सवाल है 

अभी मार्च में हुए गैरसैण सत्र में पुलिस ने इसी प्रकार प्रदर्शनकारी महिलाओं पर लाठियां बरसाई, उसके तत्काल बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार को जाना पड़ा। आज युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के होते हुए युवा प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने बर्बरता करी, अभिनव थापर को 8-10 पुलिस वाले घेरकर – गर्दन दबोच रहे है। कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने SSP देहरादून को इस घटना की 27 अगस्त की शाम को ही पत्र लिखकर जानकारी दी व दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही के लिये लिखा, किन्तु…….!!

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एक युवा मुख्यमंत्री को उत्तराखंड के इस युवा पर पुलिस की असंवेदनशील हरकत पर तत्काल कार्यवाही करनी चाहिए या नही  ये  मुख्यमंत्री जाने । ”  ऐसे में खाकी में इंसान” के लेखक  DGP अशोक कुमार  सर को इस खाकी वर्दी वाले ” गर्दन दबोचने” वाले  के व्यवहार  से कितने नाराज़  है ये भी कुछ समय मे मालूम हो जाएगा 

यह तो भला हो मीडियाकर्मियों को जिन्होंने ये ” गर्दन दबोचने वाली पुलिस की हरकत को कैमरे में कैद कर लिया” वरना पुलिस हमेशा की तरह कुछ अपनी ही कहानी बयान करती। पुलिस सरकार का पहला चेहरा होती है, यदि वह इतनी क्रूर और निर्दयी हो जाएगी वो भी अपने ही प्रदेश के युवाओं के साथ जो उत्तराखंड ही नही अपितु भारत का भविष्य है तो आप समझ ही लो की हमारा भविष्य कहाँ जा रहा होगा। उठा ये सवाल 

जय भारत, जय उत्तराखंड, जय युवा !!

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