उतराखंड. कड़वी बात : बीजेपी के लिए अबकी बार उत्तराखंड में सरकार बनाने की डगर कठिन ! जेपी नड्डा ने जीत के लिए जरूरी बताए ये तीन काम पूरी खबर पढे

कड़वी बात : बीजेपी के लिए अबकी बार उत्तराखंड में सरकार बनाने की डगर कठिन !

जेपी नड्डा ने जीत के लिए जरूरी बताए ये तीन काम

हरिद्वार:
मिशन 2022 फतह करने के लिए चुनावी शंखनाद करने देवभूमि के दो दिवसीय दौरे पर आए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रदेश नेताओं को अगले तीन महीने के तीन टास्क थमा दिए हैं। अपने दौरे के दूसरे दिन जेपी नड्डा पूर्व सैनिकों और साधु-संतों को साधने का प्रयास किया जबकि दौरे के पहले दिन जेपी नड्डा ने प्रदेश नेताओं को जीत का गुरुमंत्र दिया। दो दिवसीय दौरे की बैठकों में शिरकत कर रहेबीजेपी नेताओ का कहना था कि परफॉर्मेंस को पार्टी नेतृत्व तवज्जो देगा
और जीत के फेक्टर को ध्यान में रखते हुए टिकट वितरण होगा इसके संकेत नेतृत्व ने दे दिए हैं।
बताया जा रहा है कि जेपी नड्डा ने सांसदों-विधायकों की बैठक में साफ संकेत दे दिए हैं कि अपने-अपने क्षेत्र में किसने किनता काम किया है उसका सारा ब्योरा पार्टी के पास है।
पार्टी नेतृत्व रेगुलर सर्वे के जरिए भी फीडबैक जुटा रहा है और पुष्कर सिंह धामी के कुर्सी संभालने के बाद का सर्वे फीडबैक भी दिल्ली के पास मौजूद है। नड्डा ने कल की मीटिंग में साफ संकेत दिए हैं कि अपने क्षेत्र में बेहतर काम करने वालों का टिकट पक्का है लेकिन जिनकी परफ़ॉर्मेंस अच्छी नहीं रहेगी उनको झटका लग सकता है। यानी पार्टी चुनाव में कई सिटिंग विधायकों के टिकट काटने से भी गुरेज़ नहीं करेगी।

तीन माह तीन टास्क

90 दिन में हो सकने वाले काम सरकार जमीन पर कर दिखाए: विधायकों, सांसदों और मंत्रियों को टीम भावना से जुटना होगा सरकार के साथ।
कौन खफा हमें बताएं: ख़फ़ा चल रहे पार्टी नेताओं की डिटेल बनाकर नेतृत्व को दी जाए ताकि ऐसे असंतुष्टोें की मान-मनौव्वल कर पार्टी के चुनाव अभियान में झोंका जा सके।

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नेता जान लें कार्यकर्ता ही सर्वोपरि: नड्डा ने पार्टी नेताओं और विधायकों-मंत्रियों को मैसेज दिया कि वर्कर सबसे पहले है और उसी अनुरूप तालमेल बिठाएँ।
उपेक्षित महसूस कर रहे पुराने पदाधिकारियों को तवज्जो दें उनका मार्गदर्शन हासिल करें
सवाल है कि क्या पौने पांच साल से उपेक्षित महसूस कर रहा कार्यकर्ता अब चुनावी दौर की मान-मनौव्वल में राज़ी हो पाएगा और उससे भी बड़ी बात यह कि क्या वाकई राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की समझाइश के बाद मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक सुनेंगे काडर की आवाज।

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