उत्तराखंड में हल्ला बोल : डायट डीएलएड ने कैंडल मार्च निकालकर दिन के साथ रात्रि धरना भी किया शुरू

विगत 19 माह से अधिक समय से नियुक्ति का इंतज़ार कर रहे हैं डीएलएड डायट प्रशिक्षित बार बार धरना करने पर मजबूर है ज्ञात हो कि डायट डीएलएड प्राथमिक विद्यालयों मैं नियुक्ति को लेकर 9 अगस्त से धरने पर बैठा है और लगातार सरकार और विभाग के बेरुखी से तंग आकर आज से डायट डीएलएड ने रात्रि धरना भी शुरू कर दिया है।दिन की शुरुआत मैं सर्वप्रथम डायट प्रशिक्षितों ने प्राथमिक शिक्षा निदेशालय से माध्यमिक शिक्षा निदेशालय तक शासन व प्रशासन के विरोध में नारेबाजी के साथ रैली निकाल कर अपना विरोध प्रदर्शित किया।
तत्पश्चात प्रशिक्षित बेरोजगारों ने शिक्षा निदेशक से मिलकर अपनी मांगों को रखा गया। लेकिन वहां से सिर्फ आश्वाशन ही मिला।
प्रदेश सचिव हिमांशु जोशी ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द कोर्ट में अर्जेंसी लगा कर कोर्ट केस का निस्तारण करे अन्यथा इस बेरुखे रवैये के विरोध में प्रतिदिन धरना उग्र होगा।
मीडिया प्रभारी प्रकाश दानू ने बताया कि बार बार विभाग से आग्रह करने के बाद भी कोर्ट केस नहीं लगाया जा रहा ओर लगातार झूठे आस्वाशन दिए जा रहे हैं इसलिए डायट डीएलएड संघ द्वारा क्रमिक अनशन और रात्रि धरना प्रदर्शन ओर तेज़ी से जारी रहेगा व अगर सरकार जल्दी इस पर संज्ञान नहीं लेती तो डिप्लोमा वापसी, जुलूस, मंत्री आवास स्थल पर धरना आदि कार्य करने को हम बाध्य होंगे।।
प्रदेश उपाध्यक्ष शुभम पंत ने बताया कि प्राथमिक भर्ती मे दायर एक वाद अनू पंत बनाम उत्तराखंड सरकार मैं न्यायालय द्वारा 1 सितंबर 2021 की अगली तिथि तय की गई है जिससे इस भर्ती के ओर लंबे समय तक पूर्ण ना होने के पूरी पूरी संभावना है जिमसें सीधे सीधे डायट प्रशिक्षितों का अहित हो रहा है। जिसमे बार बार अपनी समस्या को लेकर जा रहे प्रशिक्षित शिक्षा मंत्री और कैबिनेट मंत्री का पास जाते हैं तो वे सभी मौन धारण कर लेते हैं।
डायट डीएलएड संघ के साथ धरना में मंच साझा करने बीएड संघ भी आ गया और सभी की एक ही मांग है कि सरकार जल्दी से जल्दी कोर्ट केस का निपटारा कर हमें नियुक्ति दिलाएं।।
प्रदेश उपाध्यक्षा दीक्षा राणा ने कड़े शब्दों में सरकार को चेताया है कि हम धरने से तब तक नही उठेंगे जब तक हमको नियुक्ति नहीं मिल जाती। आज रात्रि धरने मैं जितेंद्र नैलवाल,मुकेश तांता,अमित अग्रवाल, हिमांशु,उपेंद्र मेहता,आदि दर्जनों प्रशिक्षित मौजूद रहे।