कोरोना को हराना है और कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए उत्तराखंड में 17 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू किया गया।
ओर अभी तक 6 महीने के भीतर उत्तराखंड में 47.83 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई गई है
लेकिन आजकल की ख़बर बताये तो वो ये है कि उत्तराखंड में कोविड वैक्सीन की कमी से टीकाकरण की रफ्तार कम हो गई है।
जबकि सरकार ने दिसंबर तक 18 साल से अधिक आयु के लोगों का शत प्रतिशत टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा है।
वही वैक्सीन की कमी से लक्ष्य को पूरा करना धामी सरकार के सामने बड़ी चुनौती भी है।
उत्तराखंड में 16 जनवरी से अब तक 38, 40903 को पहली और 9, 42063 को दूसरी डोज लगी है।
वही 10 मई से 18 से 44 आयु वर्ग का टीकाकरण भी शुरू किया गया। ओर 21 जून के बाद केंद्र सरकार की ओर से वैक्सीन उपलब्ध कराई जा रही है। पर वैक्सीन की कमी से टीकाकरण की रफ्तार धीमी हो गई है।
वही पहली और दूसरी डोज लगाने के लिए टीके न होने से लोगों को कई केंद्रों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। प्रदेश में 45 से अधिक उम्र वालों की आबादी 27.95 लाख से अधिक है। इसमें 70 प्रतिशत लोगों को पहली और 25.5 प्रतिशत को दूसरी डोज लगाई जा चुकी है। वहीं, 18 से 44 आयु वर्ग की आबादी 50 लाख है। इसमें 31.6 प्रतिशत को पहली और 0.8 प्रतिशत लोगों ने दूसरी डोज लगवाई है।
तीन जिलों में 45 आयु वर्ग में शत प्रतिशत टीकाकरण
अल्मोड़ा, बागेश्वर व चमोली जिले में 45 से अधिक आयु वर्ग का टीकाकरण 100 प्रतिशत से पहुंच गया है। वहीं, पौड़ी, उत्तरकाशी व रुद्रप्रयाग जिले में 90 प्रतिशत से अधिक लोगों को पहली डोज लगाई गई है। कोविड टीकाकरण में उत्तराखंड का देश में पांचवां स्थान है।
केंद्र से नियमित रूप से वैक्सीन मिल रही है। टीकाकरण में उत्तराखंड की प्रगति अन्य राज्यों से बेहतर है। दिसंबर तक शत प्रतिशत लोगों का टीकाकरण के लिए हरसंभव किया जाएगा। छह माह में 48 लाख से ज्यादा लोगों को पहली व दूसरी डोज लग की चुकी है ये कहना है डा. पंकज कुमार पांडेय का जो सचिव स्वास्थ्य है