उत्तराखंड में कोविड19 मौतों के आंकड़ों में हेराफेरी डेढ़ महीने में 1200 बैकलॉग की मौतें जोड़ी- कोविड19 मौतों का हो पब्लिक ऑडिट-धस्माना

उत्तराखंड में कोविड19 मौतों के आंकड़ों में हेराफेरी
डेढ़ महीने में 1200 बैकलॉग की मौतें जोड़ी-
कोविड19 मौतों का हो पब्लिक ऑडिट-धस्माना


देहरादून: उत्तराखंड में कोविड19 की दूसरी लहर में संक्रमण से मौतों के आंकड़ों में भारी हेराफेरी का आरोप लगाते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कोरोना काल में हुई सभी मौतों का पब्लिक ऑडिट कराने की मांग की है। उन्होंने राज्य सरकार पर पूरे कोरोना काल में हर मामले में हेराफेरी भ्रस्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि शायद उत्तराखंड राज्य में भाजपा सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आपदा में अवसर के नारे को इसी प्रकार से साकार रूप दिया है। श्री धस्माना ने कहा कि सबसे पहले पिछले वर्ष पहली कोरोना लहर में रैपिड टैस्टिंग किट घोटाला हुआ जिसमें सभी टैस्टिंग किट नकली निकली उसके बाद राशन किट घोटाला हुआ जिसमें साड़े चार सौ कीमत की किट के साड़े नौ सौ रुपये भुगतान किए गए और उसके बाद दूसरी लहर में पीएम केयर्स से खराब वेंटिलेटर खरीद घोटाला, हरिद्वार महाकुंभ में फर्जी कोरोना टैस्ट घोटाला और अब तो हद ये हो गयी कि मौतों के आंकड़ों में भी घोटाला सिद्द हो गया है। श्री धस्माना ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि इंसानों की जिंदगी और मौत की इस बेशर्म सरकार की नज़र में कोई कीमत नहीं रही और लगातार जिस प्रकार से पिछले डेढ़ महीने से कोविड मृत्यु बैकलॉग के आंकड़े सामने आ रहे हैं उससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि कितनी बड़ी संख्या में उत्तराखंड राज्य में लोगों की मौत हुई है। श्री धस्माना ने कहा कि यह तो वे लोग हैं जिनके आरटीपीसीआर टैस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मौत हुई है वास्तव में तो मरने वाले कम से कम पांच छह गुणा ज्यादा हैं जिनकी जांच हुई नहीं या हुई तो रिपोर्ट समय पर आई नहीं और वे संक्रमित हो कर मर गए।
धस्माना ने कहा कि इस पूरे प्रकरण की अगर निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो कांग्रेस राज्य व्यापी आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।
सादर

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