गैरसैण को लेकर त्रिवेन्द्र की योजनाएं धरातल पर उतरना शुरू; आईटीआई, सड़क समेत अन्य कार्यों के लिए इतने करोड़ मंजूर

  • दीवालीखाल से भराड़ीसैंण सड़क डबल लेन के लिए 8 करोड़ 53 लाख 16 हजार की धनराशि मंजूर
  • आईटीआई समेत 489.39 लाख लागत के कार्यों को भी स्वीकृति

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने पहाड़ जैसे मजबूत इरादों से पहाड़ में विकास की लकीर खींचते जा रहे हैं। वह ताबड़तोड़ एक्शन लेकर अपने विज़न को धरातल पर उतार रहे हैं। पहाड़ को पहाड़ में ही ग्रीष्मकालीन राजधानी देने वाले त्रिवेंद्र अब इस क्षेत्र के विकास के लिए तेजी से प्रयासों में जुट गये हैं, क्योंकी त्रिवेंद्र मतलब बातें कम काम ज्यादा। 4 मार्च 2020 का दिन पहाड़ के लिए, राज्य आन्दोलनकारियों के लिए त्रिवेंद्र ने बेहद ख़ास बनाकर वो कर दिखाया जो इससे पहले किसी मुख्यमंत्री ने करना तो छोडो सोचने तक की हिम्मत नहीं दिखाई।

उस दिन भराड़ीसैंण में आयोजित विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बड़ा निर्णय लेते हुए गैरसैण को राज्य की ग्रीष्म कालीन राजधानी बनाने की त्रिवेन्द्र ने घोषणा की थी। और फिर राज्य स्थापना दिवस एक दिन त्रिवेंद्र ने गैरसैंण में पहुंचकर गैरसैण क्षेत्र के विकास के लिए 25 हजार करोड़ की घोषणा की। ताकी गैरसैंण को राजधानी के तौर पर योजनाबद्ध तरीके से विकसित किया जाए। त्रिवेंद्र जो कहते हैं वो करते हैं और घोषणाएं भी उतनी ही करते हैं जितनी पूरी कर सके। इसलिए त्रिवेंद्र जनता से किये हर वादे को पूरा करते हुए दिखाई देते हैं। आज गैरसैंण क्षेत्र में आवाजाही समेत तमाम ढांचागत सुविधाओं को दुरुस्त किया रहा है।

आपको मालूम होगा कि राज्य स्थापना दिवस पर त्रिवेंद्र ने गैरसैण क्षेत्र के विकास के लिए 25 हजार करोड़ की घोषणा की। साथ ही गैरसैंण को राजधानी के तौर पर योजनाबद्ध तरीके से विकसित करने के लिए एक हाई पॉवर कमेटी भी गठित की। पहाड़ पुत्र त्रिवेन्द्र ने अपनी योजनाओं को धरातल पर उतारना शुरू कर दिया है और जल्द ही दीवालीखाल से भराड़ीसैंण सड़क डबल लेन की होगी, इस मोटर मार्ग को डबल लेन करने के लिए 8 करोड़ 53 लाख 16 हजार की धनराशि मंजूर करने का आदेश जारी हो चुका है।

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अब जल्द ही बेहद संकरी ये सडक बनकर तैयार होगी. और वाहनों की आवाजाही के लिए सुगम होगी। वहीं मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में सचिवालय में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, गैरसैंण के सम्बन्ध में उच्च अधिकार प्राप्त समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान, समिति द्वारा राजकीय आईटीआई, गैरसैंण के निर्माण कार्य के पुनरीक्षित आगणन लागत रू 489.39 लाख के कार्यों को स्वीकृति दी गई।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में वर्तमान एवं भविष्य की आवश्यकताओं के देखते हुए कोर्सेज चलाए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजकीय आईटीआई गैरसैंण में स्मार्टफोन टेक्नीशियन, कंप्यूटर हार्डवेयर एंड नेटवर्क प्रोग्रामिंग सहित मैकेनिक ऑटो इलेक्ट्रीशियन एंड इलेक्ट्रिकल जैसे कोर्सेज शुरू किए जाएं। मुख्य सचिव ने कहा कि आईटीआई में ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम होने चाहिए जो वर्तमान एवं भविष्य की आवश्यकता के अनुरूप हों और जिनसे युवाओं को तुरन्त रोजगार मिल सके।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के इन कार्यों से साफ़ हो जाता है कि, पहाड़ पुत्र त्रिवेंद्र कहते ही नहीं बल्कि करके भी दिखाते हैं। क्योंकी खैरासैण का ये लाल पहाड़ के दर्द को दूर करने का संकल्प जो ले चुका है। मातृशक्ति के सिर से घास की गडरी को उतारने की कसम खा चुका है।

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