प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत प्रदेश के 13 जिलों में 191 गांव आदर्श गांव बनेंगे। समग्र विकास के लिए केंद्र सरकार सहायतित योजना में समाज कल्याण विभाग को 20 करोड़ 45 लाख 60 हजार रुपये का बजट दिया गया है। समाज कल्याण विभाग ने जिलों में प्रशिक्षण देने के साथ ही सर्वे का काम शुरू हो गया है।
भारत सरकार की यह योजना वर्ष 2018-19 में उत्तराखंड को मिली। योजना में उत्तराखंड के ऐसे गांव जिनकी जनसंख्या पांच सौ से अधिक हो एवं पचास प्रतिशत अनुसूचित जाति के व्यक्ति हो को शामिल किया गया है। वर्ष 2018-19 के लिए 121 और वर्ष 2019-2020 के लिए 70 गांवों का चयन हुआ है। केंद्र सरकार की मंशा है कि केंद्र और राज्य के दस विभागों की योजना उक्त गांवों में चलनी चाहिए।
वर्ष 2018-19 के लिए 12 करोड़ 89 लाख 60 हजार रुपये और वर्ष 2019-2020 के लिए सात करोड़ 56 लाख रुपये की राशि मिली है। योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए ग्राम स्तरीय आंकड़ों को संकलित करने के साथ ही मूलभूत आवश्यकताओं और लाभार्थी उन्मुखी पहलूओं के लिए परिवार स्तरीय आंकड़े एकत्रित कर वीडीपी (ग्राम्य विकास योजना) तैयार करना है। वीडीपी को ग्राम स्तर पर प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के लिए अभिशरण समिति की ओर से तैयार कर जिला स्तरीय अभिशरण समिति से अनुमोदित कराना होगा।
ये है गांव का ब्योरा
जिला गांवों की संख्या
पौड़ी 06
टिहरी 11
चमोली 09
रुद्रप्रयाग 14
उत्तरकाशी 13
देहरादून 17
हरिद्वार 20
नैनीताल 20
अल्मोड़ा 20
पिथौरागढ़ 20
बागेश्वर 16
चंपावत 05
ऊधमसिंह नगर 20
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत जिलों में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। साथ ही सर्वे का काम शुरू हो गया है। दस विभागों की पूरी योजनाएं गांव तक पहुंचने पर ही आदर्श ग्राम की परिकल्पना साकार होगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए बजट भी विभाग को दिया है। इस योजना से संतृप्त हो सकने वाले शेष गांवों को फेस थ्री में शामिल करने के लिए भारत सरकार से अनुरोध किया गया।
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